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मिलिए ओडिशा के ब्रिजमैन से… गंगाधर राउत के जज्बे को सलाम, जिंदगीभर की कमाई से बनवा डाला गांव में पुल

Bridgeman Gangadhar Raut Story: ओडिशा के ऐसे शख्स के बारे में जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी पेंशन के पैसे से गांव में पुल बनवा डाला। लोग लंबे समय से नदी पर पुल नहीं होने के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे थे। विस्तार से पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Nov 9, 2024 18:07
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Gangadhar Raut

Bridgeman Gangadhar Raut: ओडिशा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने अपनी पेंशन के पैसे से गांव में पुल बनवा डाला। ये शख्स ब्रिजमैन के नाम से मशहूर हो गए हैं। गंगाधर राउत ने अपनी रिटायरमेंट के बाद पुल बनवा दिया। कानपुर गांव में सालंदी नदी पर पुल नहीं होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। गांव में आवाजाही के लिए यही रास्ता था। राउत ने अपने गांव की समस्या को लेकर संज्ञान लिया और खुद ही 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जुटाकर नदी पर पुल बनवा डाला। आज गांव ही नहीं, ओडिशा का हर शख्स इनका मुरीद है, जो उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। 60 वर्षीय राउत के अनुसार गांव में पुल नहीं होने की समस्या पुरानी थी।

प्रशासन ने नहीं की सुनवाई

कानपुर गांव के लोगों ने प्रशासन के सामने कई सालों तक गुहार लगाई। लेकिन उनको मदद नहीं मिली, जिसके बाद राउत ने अपने सपनों को पूरा करने के बजाय गांव के लोगों के लिए काम करने का फैसला लिया। मानसून के दौरान सालंदी नदी रौद्र रूप धारण कर लेती है। गांव दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट जाता है। आलम ये होता था कि गांव के लोग अपने खेतों में भी नहीं जा पाते थे। हालांकि पुल बनाने को लेकर एक सरकारी परियोजना भी आई थी। लेकिन परियोजना के बजट से पुल का निर्माण नहीं हो सकता था। कम बजट के कारण यह परियोजना एक दशक से भी अधिक समय तक फाइलों में घूमती रही।

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राउत रिटायर होने के बाद अपने लिए कार खरीदने की सोच रहे थे। लेकिन बाद में उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के बजाय ध्यान गांव के पुल पर किया। उन्होंने आवाजाही के समय खुद भी नदी से गुजरते समय परेशानी महसूस की थी। जिसके बाद खुद के लिए कार खरीदने का प्लान बदल डाला। अपने गांव के लिए पुल का निर्माण करने की ठानी। इस काम में उन्होंने अपने भतीजे की भी मदद ली और पुल के सर्वे का काम शुरू कर दिया। 2016 में उन्होंने 10 लाख रुपये से पुल का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया था कि अगर वे पुल का निर्माण कार्य नहीं शुरू करवाते तो कोई भी शख्स इसके निर्माण की हिम्मत नहीं जुटा पाता।

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गेमचेंजर बना फैसला

उनका फैसला गांव के लिए गेम चेंजर साबित हुआ। आज उनकी मेहनत और जज्बे की बदौलत सालंदी नदी पर 270 फीट ऊंचा पुल खड़ा हुआ है। पुल ने ग्रामीणों की जिंदगी बदल दी है। अब मानसून के दौरान भी लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने भी इस मुहिम की सराहना की है। गंगाधर लोगों के बीच ब्रिजमैन के नाम से पहचान बना चुके हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि जहां आज के समय में लोग पैसा कमाने के लिए काम करते हैं। गंगाधर जैसे दुर्लभ शख्स ने अपने सपनों को पूरा करने के बजाय गांव के कल्याण के लिए पैसे खर्च कर समाजसेवा की नई मिसाल कायम की है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Nov 09, 2024 06:07 PM

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