NRAI-Swiggy Zomato Dispute: नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फूड डिलीवरी कंपनियां जोमैटो व स्विगी एक बार फिर आमने-सामने हैं। दरअसल पिछले 2 माह में स्विगी ने Snack और जोमैटो ने Bistro नामक ऐप्स लॉन्च की हैं, इनके जरिए 10 मिनट में डिलीवरी का दावा किया गया है। NRAI का कहना है कि ये ऐप्स रेस्टोरेंट्स के लिए सीधे तौर पर चुनौती हैं, क्योंकि फूड डिलीवरी कंपनियां रेस्टोरेंट्स का डेटा यूज कर रही हैं। दोनों कंपनियां पहले ही रेस्टोरेंट्स से कमीशन वसूल रही हैं। अब खुद उनको चैलेंज कर रही हैं, दोनों ने डाइन इन सेवा शुरू कर दी है, इसका सीधा असर रेस्टोरेंट्स की कमाई पर पड़ा है।
NRAI प्रेसिडेंट सागर दरयानी के अनुसार उन लोगों को क्विक कॉमर्स से दिक्कत नहीं है, लेकिन जोमैटो और स्विगी खुद के ब्रांड बना रही है, जो गलत है। उनके पास रेस्टोरेंट्स का जो डेटा है, उसका गलत फायदा उठाया जा रहा है। क्विक कॉमर्स के कारण जैसे किराने की खरीदारी में क्रांति आई है, वैसे ही खाने की डिलीवरी पर भी इसका असर पड़ा है, जिसका समर्थन NRAI करता है। जोमैटो और स्विगी अब इसको लेकर निजी लेबल बना रही हैं, उनके पास हमारा डेटा है, कंज्यूमर इनसाइट्स हैं, जिनको उन्होंने हमारे साथ शेयर नहीं किया है। उन्होंने हमारे वर्षों के डेटा से अपना अनुभव बना लिया है।
इंडिया में ग्रो कर रहा जेप्टो कैफे
दरयानी ने कहा कि जोमैटो और स्विगी जेप्टो कैफे से मुकाबला कर रहे हैं। जेप्टो इंडिया में तेजी से ग्रो कर रहा यूनिकॉर्न है, जो 2022 में शुरू हुआ था। यह मुख्य रूप से क्विक बाइट फूड और पेय पदार्थ बेचता है। इस सेगमेंट से कंपनियों को रोजाना 50000-60000 ऑर्डर मिलते हैं। 2024 में जेप्टो की ऐप जेप्टो कैफे आई थी, जिससे 2026 तक 1000 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। जोमैटो सीईओ दीपिंदर गोयल के अनुसार डेटा से बार-बार पता लगा कि डिलीवरी का समय कम होने से रेस्टोरेंट के खाने की मांग बढ़ती है। पहले जब रेस्टोरेंट खुद ऑर्डर डिलीवर करते थे, तब उन्होंने इस समय को 45 प्लस मिनट से घटाकर 30 मिनट किया था। हमारे प्लेटफॉर्म पर डिमांड में इजाफा हुआ।
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गोयल के अनुसार 10-15 मिनट की डिलीवरी के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है। हमने बिस्टरो को बड़े उद्देश्य के साथ लॉन्च किया है। ऐप का यूज हर इलाके के लिए समान रूप से नहीं किया जा सकता। कुछ ही चुनिंदा रेस्टोरेंट्स के लिए 15 मिनट में डिलीवरी शुरू की गई है। स्विगी ने हाल में स्नैक लॉन्च किया था। बेंगलुरु के कुछ इलाकों में इसकी सेवा मिल रही है। इसके मेन्यू में 128 आइटम ऐसी हैं, जिनकी कीमत 200 रुपये से ज्यादा नहीं है। अगर कार्ट वैल्यू 100 रुपये से ज्यादा है तो डिलीवरी चार्ज नहीं है। स्विगी ने बोल्ट नाम की भी एक सेवा शुरू की है, जिसमें चुनिंदा रेस्टोरेंट्स की चुनिंदा आइटम्स की 15 मिनट में डिलीवरी हो जाती है।
19 फीसदी से अधिक बढ़ा स्विगी का कारोबार
स्विगी एमडी और सीईओ श्रीहर्ष माजेटी के अनुसार स्नैक और बोल्ट की 10 मिनट की नई सर्विस ने क्विक कॉमर्स के भीतर कई नई चीजों का विस्तार किया है। स्विगी का फूड डिलीवरी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान 19.2 फीसदी बढ़ा है, जो अब 7436 करोड़ रुपये हो गया है। इसकी वजह बोल्ट है, जिसने कंपनी की कुल फूड डिलीवरी में 9 फीसदी का योगदान दिया है।
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स्विगी और जोमैटा मौजूदा समय में औसत 16 से 30 फीसदी कमीशन ले रहे हैं। अलग-अलग रेस्टोरेंट्स के लिए अलग दर है। सूत्रों के मुताबिक स्विगी मानती है कि उसकी आउट ऑफ होम खपत श्रेणी का औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV) लगभग 3000+ रुपये है, जबकि फूड डिलीवरी का AOV 420-430 रुपये है। इसके अलावा रेस्टोरेंट्स में टेबल बुकिंग और बिल भुगतान के समय बिल में 15 से 20 फीसदी की छूट दी जाती है। इस छूट को बढ़ावा देने के लिए भी फूड डिलीवरी कंपनियां काम कर रही हैं। यह डिलीवरी बैंकिंग पार्टनर्स और रेस्टोरेंट्स दोनों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि एओवी अधिक होता है। ऑर्डर बड़े होने पर पैकेजिंग आदि का खर्चा भी नहीं होता।