Nitish Kumar: आज बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने तमाम मंत्रिमंडल के सामने फ्लोर टेस्ट में विश्वासमत हासिल कर लिया है। बता दें, नीतीश के पक्ष में 129 वोट पड़े। फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि हमने इनको दो बार मौका दिया। हमने उन्हें इस बात तक कि सलाह दी कि आगे की रणनीति क्या रहेगी और हमें आगे क्या-क्या करना है? लेकिन, तेजस्वी यादव के अब सुर बदल गए हैं।
वह सरकार के कामों और युवाओं में नौकरी देने का क्रेडिट दे रहे हैं। आगे नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में सात निश्चय योजना उनका ही आइडिया था। लेकिन, अब जब सात निश्चय 2 का काम प्रदेश में शुरू हुआ है तो तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) अब क्रेडिट बटोरना चाहते हैं। अब एक बार फिर नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है लेकिन क्या उनके लिए एनडीए के साथ गठबंधन की राह उतनी आसान होगी, जितनी दिख रही है। आइए, जानते हैं आखिर कौन-कौन सी ऐसी वजहें हैं जो एनडीए के साथ आने के बाद अब नीतीश कुमार को परेशान कर सकती हैं।
1. भाजपा के साथ सरकार चलाना इस बार हो सकता है भारी
इस विधानसभा में नीतीश कुमार तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। और अब तक की बिहार की राजनीति में 9 बार वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। और की राजनीतिक इतिहास में नीतीश कुमार एकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथग्रहण लिया है। माना जा रहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन नीतीश के लिए इस बार मुश्किल होने वाली है। हालांकि, इस बार भाजपा ने नीतीश के दोनों तरफ अपने दो डिप्टी सीएम बिठा रखे हैं। और दोनों डिप्टी सीएम ऐसे नेता हैं जो हमेशा नीतीश की विचारधाराओं के खिलाफ देखे गए हैं।
2. हाल ही में सम्राट चौधरी ने नीतीश (Nitish Kumar) पर साधा था निशाना
कुछ दिनों पहले नीतीश के भाजपा में शामिल होने के बाद सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बयान देते हुए कहा था कि यह हमारे लिए एक कठिन फैसला था। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इसकी खूब चर्चा हुई और आखिरकार बिहार में जंगलराज लाने वाले राजद को सत्ता से बाहर करने का फैसला लिया गया। सम्राट ने आगे कहा, “हम जिस भी गठबंधन का हिस्सा हैं, उसका तब तक सम्मान करते हैं, जब तक वह बना हुआ है। हम नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही करेंगे, जिन्हें इंडी एलायंस के लोगों ने प्रधानमंत्री पद के वादे के साथ लुभाया था, लेकिन उन्हें सही समय पर एहसास हुआ कि यह केवल भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए बनाया गया एक समूह है।”
3. महाराष्ट्र जैसा माहौल बनाने की कोशिश में भाजपा
इस बार नीतीश कुमार की पारी बदली नजर आने की पूरी संभावना है। बीजेपी ने महाराष्ट्र के जैसा राजनीतिक माहौल बनाते हुए नीतीश के कैबिनेट में सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) को डिप्टी सीएम बनाया है। जैसे उन्होंने महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया है।
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