वाहनों चालकों के लिए सरकार ने नए वित्त वर्ष (2025-26) पर नियमों में संशोधन किया है। नए फाइनेंशियल ईयर पर नियमों को पहले के मुकाबले सख्त किया है। अगर वाहन चालक का चालान हो चुका है और उसने जुर्माना राशि नहीं अदा की है तो यह काफी महंगा पड़ सकता है। आपका लाइसेंस भी जब्त किया जा सकता है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों और समय पर चालान नहीं भरने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने अब सख्ती की है। अगर ई-चालान की राशि 3 महीने से लंबित है तो कानून प्रवर्तन एजेंसियां आपका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर सकती हैं। अगर एक साल में सिग्नल तोड़ने, खतरनाक ड्राइविंग करने या अन्य नियम तोड़ने पर वाहन चालक के 3 चालान होते हैं तो लाइसेंस को 3 महीने के लिए जब्त किया जा सकता है।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नियमों में सख्ती की वजह चालान राशि की कम वसूली है। ई-चालान की राशि की केवल 40 फीसदी वसूली ही सरकार कर पाई है। सरकार ने रणनीति के तहत लाइसेंस सस्पेंड करने का फैसला लिया है। अगर वित्तीय वर्ष में 2 या इससे अधिक चालान किसी वाहन चालक के होते हैं तो सरकार उसे हाई बीमा प्रीमियम से जोड़ सकती है। अगर वाहन मालिक को देर से चालान का अलर्ट मिला है या गलत चालान कटा है तो ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए अलग से मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
हर महीने भेजा जाएगा अलर्ट
सीसीटीवी कैमरों का सही संचालन किया जाएगा। लंबित चालानों के बारे में वाहन मालिकों और ड्राइवरों को हर महीने अलर्ट भेजा जाएगा। जारी आंकड़ों के अनुसार राज्यों में चालान वसूली की दर काफी कम है। दिल्ली में सबसे कम वसूली की दर 14 फीसदी है। वहीं, कर्नाटक में चालान वसूली की दर 21, यूपी में 27 फीसदी है। महाराष्ट्र और हरियाणा में वसूली की दर सबसे अधिक क्रमश: 62 और 76 फीसदी है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को मिला विशेष इंटरसेप्टर
दिल्ली यातायात पुलिस बल को यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों पर सख्ती के लिए 360 डिग्री घूमने वाला AI-संचालित 4D रडार-इंटरसेप्टर मिला है। यह सिस्टम ओवरस्पीडिंग, बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना या वाहन चलाते समय फोन का उपयोग करने जैसे यातायात नियमों की उल्लंघनाओं को पहचानने में सक्षम है। PTI की रिपोर्ट के अनुसार यह एआई तकनीक बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के नियम तोड़ने वालों को स्वचालित ई-चालान जारी करेगी। इंटरसेप्टर में 360 डिग्री घूमने वाला स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरा लगाया गया है, जबकि इसका रडार सिस्टम एक साथ कई वाहनों को ट्रैक कर सकता है। उन्नत तकनीक का उपयोग करके यह वाहनों की गति को माप सकता है।
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