केंद्र सरकार इंटरनेट को खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में सरकार ने (आईटी नियम-2021 में संशोधन कर ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े सामाजिक और आर्थिक खतरों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान किए हैं।
सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े लत, वित्तीय जोखिम और अन्य नुकसान को लेकर सतर्क है। आईटी अधिनियम, 2000 के तहत ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और अन्य डिजिटल माध्यमों पर कुछ सख्त जिम्मेदारियां तय की गई हैं।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए क्या है कड़े नियम
• अवैध सामग्री पर रोक: कोई भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म किसी अवैध, बच्चों के लिए हानिकारक, मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देने वाली या जुए से संबंधित सामग्री को होस्ट, स्टोर या प्रकाशित नहीं कर सकता।
• शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई: यदि कोई आपत्तिजनक सामग्री अपलोड होती है और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज होती है, तो प्लेटफॉर्म को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी होगी।
• ब्लॉकिंग आदेश: सरकार के पास देश की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंधों या सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े मामलों में विशिष्ट वेबसाइट या लिंक को ब्लॉक करने का अधिकार है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए पर सरकार का कड़ा रुख
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने वर्ष 2022 से 2024 के बीच 1298 ऑनलाइन बेटिंग, जुआ और गेमिंग वेबसाइटों (जिसमें मोबाइल एप्लिकेशन भी शामिल हैं) को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें ऑनलाइन गेमिंग और आत्महत्या के मामलों पर NCRB ने बयान जारी कर कहा है कि हर साल “क्राइम इन इंडिया” नामक रिपोर्ट जारी करता है, जिसमें विभिन्न अपराधों के आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं। हालांकि, ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित आत्महत्याओं का कोई विशिष्ट डेटा NCRB के पास उपलब्ध नहीं है।
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