New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 6 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में होली मिलन समारोह के दौरान आयोजित नृत्य प्रदर्शन की निंदा की है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इस प्रकार कृत्यों की निंदा करते हुए कहा कि यह कानूनी पेशे के उच्च नैतिक और नैतिक मानकों के अनुरूप नहीं है। इस प्रकार के कृत्यों से न्यायिक संस्थान की छवि धूमिल होती है।
इसके साथ ही कोर्ट ने जिला और सत्र न्यायाधीश के डिस्ट्रिक्ट जज को तीन दिनों के भीतर नई दिल्ली बार एसोसिएशन को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज से मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
कोर्ट परिसर में आयोजन पर लगाया प्रतिबंध
इसके अलावा प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश, पटियाला हाउस कोर्ट तीन दिनों के भीतर नई दिल्ली बार एसोसिएशन को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे और नई दिल्ली बार एसोसिएशन से जवाब मिलने के बाद वह उचित कार्रवाई करेंगे। कोर्ट ने जिला और सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को यह निर्देश दिया कि जब तक इस मुद्दे पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता तब तक न्यायालय परिसर का उपयोग करने की अनुमति न दें।
गरिमा के अनुसार आयोजित हो कार्यक्रम
इसके अलावा, यह निर्देश दिया गया है कि जब भी बार एसोसिएशन किसी कार्यक्रम के लिए न्यायालय परिसर का उपयोग करने की अनुमति मांगने का अनुरोध करता हैं तो संबंधित प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश इस तरह के कदम उठाएंगे ताकि उचित रूप से यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया गया है।
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