NCERT row education minister over Bharat india controversy: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि INDIA और भारत के बीच कोई अंतर नहीं है, लेकिन कुछ लोग इस पर विवाद पैदा कर रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति की ओर से किताबों पर ‘INDIA’ की जगह भारत लिखने के सुझाव पर राजनीतिक विवाद शुरू हुआ था। विवाद के शुरू होने के एक दिन बाद यानी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री का बयान सामने आया।
बता दें कि उच्च स्तरीय समिति के सुझाव पर विपक्षी दलों, विशेषकर दक्षिणी राज्यों के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विरोध जताने वालों ने उच्च स्तरीय समिति के इस सुझाव को राजनीतिक नौटंकी और इतिहास को विकृत करने का प्रयास बताया। गुजरात के नर्मदा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के कार्यान्वयन पर कुलपतियों के सम्मेलन में धर्मेद्र प्रधान शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि कुछ समय से इस बात पर विवाद चल रहा है कि हमारे देश को इंडिया या फिर भारत के नाम से संबोधित किया जाना चाहिए या नहीं।
धर्मेंद्र प्रधान बोले- क्या फर्क है?
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि क्या फर्क है? भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है। इस देश का नाम भारत है। औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजी बोलने वाले लोगों ने देश को इंडिया नाम दे दिया। उन्होंने का कि हमारे संविधान ने भारत और इंडिया दोनों को महत्व दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत, भारतीय नाम है, सभ्यता की शुरुआत से ही ये मूल नाम है। हालांकि, इन दिनों कुछ निराश लोगों के दिमाग में इसे लेकर विवाद पैदा करने की होड़ चल रही है।
पैनल की सिफारिशों पर NCERT के अध्यक्ष क्या बोले?
बता दें कि बुधवार को, NCERT के सामाजिक विज्ञान पैनल के अध्यक्ष सीआई इस्साक ने कहा कि प्रस्तावित नाम परिवर्तन 7 सदस्यीय पैनल की ओर से सर्वसम्मति से की गई सिफारिशों का हिस्सा था। हालांकि, NCERT के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने स्पष्ट किया कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।