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नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल का नाम क्यों, वो सबकुछ जो जानना जरूरी? अब आगे क्या

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने गलत तरीके से 2 हजार करोड़ की बिल्डिंग पर कब्जा करने की कोशिश की। मामले के बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 16, 2025 09:14
Rahul Gandhi

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में इन तीनों के अलावा सुमन दुबे और अन्य लोगों का नाम भी शामिल किया गया है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में 2012 में एक याचिका दाखिल की थी।

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उन्होंने आरोप लगाए थे कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गलत ढंग से यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण किया। दिल्ली में बहादुर शाह जफर रोड पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2 हजार करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने की मंशा से ऐसा किया गया। सुनियोजित तरीके से YIL को AJL की संपत्ति का अधिकार दिया गया था।

जवाहर लाल नेहरू ने की थी स्थापना

नेशनल हेराल्ड की स्थापना पूर्व पीएम स्व. जवाहर लाल नेहरू ने फ्रीडम फाइटर्स के साथ मिलकर 1938 में की थी। बता दें कि AJL नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है, जिसका जिम्मा कांग्रेस पार्टी ने 26 फरवरी 2011 को लिया था, तब कंपनी के ऊपर 90 करोड़ रुपये की देनदारी बाकी थी। पार्टी ने 90 करोड़ का लोन देने के बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। बाकी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी ऑस्कर फर्नांडीज और मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के नाम पर थी। वोरा और फर्नांडीज का निधन हो चुका है।

आरोपों के अनुसार एजेएल के 10 शेयर यंग इंडियन को दिए गए थे, हर शेयर की कीमत 10 करोड़ थी। बदले में कंपनी को कांग्रेस का ऋण चुकाना था। शेयर के साथ ही एजेएल के 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन को मिल गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने लोन माफ कर दिया यानी यंग इंडियन को फ्री एजेल का अधिकार मिल गया था। यंग इंडियन कंपनी की शुरुआत 2010 में हुई थी। राहुल को कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था। वे तब कांग्रेस महासचिव थे।

कांग्रेस ने नकारे आरोप

ईडी ने दावा किया था कि मामले में 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई। जांच में पता लगा था कि एजेएल के पास मुंबई, दिल्ली और लखनऊ समेत कई शहरों में 661.69 करोड़ की अचल संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों को आपराधिक आय के जरिए जुटाया गया है। वहीं, YI के पास AJL में इक्विटी शेयरों के रूप में 90.21 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की बात सामने आई थी। स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने वाईआईएल के जरिए एजेएल की संपत्ति सिर्फ 50 लाख रुपये में हासिल की है। ईडी ने भी वित्तीय अनियमितताओं के दावे किए थे। मामले में 2021 में जांच शुरू हुई थी। वहीं, कांग्रेस इन दावों को नकारती रही है। कांग्रेस का दावा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके केंद्र सरकार अपनी नाकामियां छिपा रही हैं।

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Parmod chaudhary

First published on: Apr 16, 2025 08:56 AM

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