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‘धर्म पूछकर हत्या की गई, ताकत दिखानी होगी…’, पहलगाम हमले पर क्या बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

संघ प्रमख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले को लेकर बयान जारी किया है। मोहन भागवत ने कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म की है। लोगों को उनका धर्म पूछकर मारा गया। उन्होंने कहा कि हिंदू ऐसा कभी नहीं करेगा।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Apr 25, 2025 09:21
Mohan Bhagwat on Pahalgam attack
Mohan Bhagwat

पहलगाम हमले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान सामने आया है। मोहन भागवत ने सोमवार को मुंबई में आयोजित पंडित दीनानाथ मंगेशकर की 83वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर बयान दिया। संघ प्रमुख ने कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म की है। जिन लोगों को मारा गया, उनसे पहले उनका धर्म पूछा गया। हिंदू ऐसा कभी भी नहीं करेगा क्योंकि वह धैर्यवान है। उन्होंने देश के लोगों से आह्वान किया कि भारत को सशक्त बनाना चाहिए ताकि ऐसे असूरों का नाश हो सके।

कट्टरपंथी लोगों ने धर्म पूछकर मारा

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अभी जो लड़ाई चल रही है, वह संप्रदायों और धर्मों के बीच नहीं है। इसका आधार संप्रदाय और धर्म है, बल्कि यह लड़ाई ‘धर्म’ और ‘अधर्म’ के बीच है। हमारे सैनिकों या हमारे लोगों ने कभी किसी को उसका धर्म पूछकर नहीं मारा। जो कट्टरपंथी लोगों ने लोगों को उनका धर्म पूछकर मारा, हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे। इसलिए देश को मजबूत होना चाहिए। हर कोई दुखी है, हमारे दिलों में गुस्सा है जैसा कि होना चाहिए, क्योंकि राक्षसों को नष्ट करने के लिए अपार शक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ लोग यह समझने के लिए तैयार नहीं हैं, और उनमें अब किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है।

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दुष्ट लोगों का सफाया होना चाहिए

रावण भगवान शिव का भक्त था, वेदों को जानता था, उसके पास वह सब कुछ था जो एक अच्छा इंसान बनने के लिए चाहिए, लेकिन उसने जो मन और बुद्धि अपनाई थी, वह बदलने को तैयार नहीं थी। रावण तब तक नहीं बदलता जब तक वह मर नहीं जाता और उसका पुनर्जन्म नहीं होता। इसलिए राम ने उसे बदलने के लिए रावण को मार डाला। दुष्ट लोगों का सफाया होना चाहिए, यही अपेक्षा है। यह अपेक्षा पूरी होगी।

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घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए समाज के भीतर एकता जरूरी है। अगर हम एकजुट हैं तो हमें बुरी नीयत से देखने की हिम्मत नहीं करेगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी आंख फोड़ दी जाएगी। उन्होंने कहा कि घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं है लेकिन चुपचाप सहना हमारा स्वभाव नहीं है। एक अहिंसक को मजबूत भी होना चाहिए।

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First published on: Apr 25, 2025 09:15 AM

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