प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आपातकाल पर एक प्रस्ताव पास किया है। इसके अलावा 3 बड़े फैसले भी लिए गए हैं। इस दौरान आपातकाल के दौरान लड़ने वाले योद्धाओं का भी सम्मान किया गया है। मोदी सरकार की कैबिनेट ने पुणे मेट्रो लाइन 2 का विस्तार किया गया है। इस योजना के लिए 3626 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। झरिया कोलफील्ड- पुनर्वास के लिए संशोधित मास्टरप्लान को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना को पूरा करने में 5940 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसे बनाने में 111.5 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
आपातकाल को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आपातकाल के दौरान बलिदान देने वाले लोगों को याद किया गया। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उनके प्रति श्रद्धांजलि के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान 1975 में लगे आपातकाल को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की गई। सूत्रों से पता चला है कि बैठक के दौरान आपातकाल पर भी एक प्रस्ताव पास किया गया है। जिसमें कहा गया है कि आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र की हत्या’ हुई थी। इसके बाद 3 बड़े फैसले लिए गए हैं। जिस पर मंत्रिमंडल की सहमति के बाद मुहर लगा दी गई।
#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw reads out the resolution passed on 50 years of the Emergency, he reads, “… The Union Cabinet, chaired by PM Modi, resolved to commemorate and honour the sacrifices of countless individuals who valiantly resisted the Emergency and… pic.twitter.com/XiFEWljmfz
— ANI (@ANI) June 25, 2025
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कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बनाया बंधक
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ”आपातकाल के लोकतंत्र की हत्या की गई थी। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। आपातकाल के दौरान संविधान के निहित मूल्यों को दरकिनार किया गया था। लोगों के मौलिक अधिकारों को हनन किया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को कब्जे में लिया गया और उसकी आवाज को दबाया गया। बड़ी संख्या में राजनीतिक, सामाजिक, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।
Today marks fifty years since one of the darkest chapters in India’s democratic history, the imposition of the Emergency. The people of India mark this day as Samvidhan Hatya Diwas. On this day, the values enshrined in the Indian Constitution were set aside, fundamental rights…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025