I.N.D.I.A Parties Letter Mark Facebook Google: भारत की विपक्षी पार्टियों ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को लैटर लिखा है। इस पत्र में उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट में छपी जांच का हवाला देते हुए कहा है कि Meta भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने का दोषी है।
विपक्षी गठबंधन ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को भी लैटर लिखा है। वाशिंगटन पोस्ट द्वारा विस्तृत जांच में कहा गया है कि अल्फाबेट और विशेष रूप से यूट्यूब भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने का दोषी है।
Letter by INDIA parties to @Facebook's Mr. Mark Zuckerberg (@finkd) citing the exhaustive investigations by the @washingtonpost that Meta is culpable of abetting social disharmony and inciting communal hatred in India.
[Letter Below] pic.twitter.com/2wnUa5xHbz
---विज्ञापन---— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 12, 2023
INDIA parties also write to @Google's Mr. @sundarpichai exhaustive investigation by the Washington Post that Alphabet and specifically YouTube is culpable of abetting social disharmony and inciting communal hatred in India.
[Letter Below] pic.twitter.com/athxCwukl1
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 12, 2023
We are also attaching the detailed report and investigation by the @washingtonpost for your kind reference. pic.twitter.com/GnoGRcO2yi
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 12, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा- हम इसकी विस्तृत रिपोर्ट और जांच भी संलग्न कर रहे हैं। गूगल को लिखे लैटर में कहा गया है कि आप वाशिंगटन पोस्ट अखबार के हालिया खुलासे से अवगत होंगे जिसका शीर्षक था- “उसने भारतीय मुसलमानों पर अपने हमलों को लाइव-स्ट्रीम किया। यूट्यूब ने उसे पुरस्कार दिया”, इसमें सांप्रदायिक नफरत फैलाने और भारतीय समाज को विभाजित करने में यूट्यूब की भूमिका के बारे में बताया गया है। विशेष रूप से लेख में इस बात का विवरण दिया गया है कि भाजपा सदस्यों और समर्थकों द्वारा YouTube का उपयोग करके घृणित, सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी प्रचार कैसे किया जाता है।
वाशिंगटन पोस्ट की इस विस्तृत जांच से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अल्फाबेट और विशेष रूप से यूट्यूब भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने का दोषी है। इसके अलावा हमारे पास डेटा है जो सत्तारूढ़ पार्टी की सामग्री को बढ़ावा देने के साथ-साथ आपके मंच पर विपक्षी नेताओं की सामग्री के एल्गोरिथम मॉडरेशन को दर्शाता है। 2024 में आगामी राष्ट्रीय चुनावों के मद्देनजर आपसे हमारी तत्काल अपील है कि आप इन तथ्यों पर गंभीरता से विचार करें।
वहीं मेटा को लिखे लैटर में कहा गया कि आप सत्तारूढ़ भाजपा के सांप्रदायिक घृणा को समर्थन देने में व्हाट्सएप और फेसबुक की भूमिका के बारे में वाशिंगटन पोस्ट अखबार के हालिया खुलासे से अवगत हो सकते हैं। लेख में भाजपा सदस्यों और समर्थकों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप्स का उपयोग कर घृणित, सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी प्रचार करने के बारे में कहा गया है।
‘भारत के दबाव में फेसबुक ने दुष्प्रचार और घृणास्पद भाषण को पनपने दिया’ शीर्षक वाले एक अन्य लेख में फेसबुक इंडिया के अधिकारियों द्वारा सत्ताधारी सरकार के प्रति जबरदस्त पक्षपात को साक्ष्य के साथ स्पष्ट किया है। यह बात हम विपक्ष में लंबे समय से जानते थे और पहले भी कई बार इसे उठा चुके हैं। वाशिंगटन पोस्ट की इन विस्तृत जांचों से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मेटा भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने का दोषी है।