नई दिल्ली: CANADA में हाल ही में हुए खालिस्तान जनमत संग्रह पर भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने सख्त रवैया अपनाया है। MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इस बारे में मीडिया में बयान देते हुए कहा कनाडा में चरमपंथी और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा आयोजित कार्यक्रम बेहद हास्यास्पद बात है। उन्होंने कहा यह मुद्दा कनाडा के प्राधिकारियों के साथ उठाया गया है। यह बेहद आपत्तिजनक बात है कि एक मित्र देश में राजनीति से प्रेरित ऐसे कार्यक्रम की अनुमति मिली।
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It's a farcical exercise that was held by extremist & radical elements in Canada. Matter was taken up with Canadian authorities. We find it deeply objectionable that politically motivated exrercices are allowed in a friendly country: MEA spox on Khalistan referendum in Canada pic.twitter.com/Mye00hXMQ4
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) September 22, 2022
बता दें कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह का आयोजन किया गया था। आरोप है कि ब्रिटेन के बाद पंजाब में इस कार्यक्रम का आयोजन पंजाब को अलग देश बनाने के लिए किया गया था। जानकारी के मुताबिक भारत में प्रतिबंधित आतंकी संस्था सिख फॉर जस्टिस ने कनाडा में 18 सितंबर को जनमत संग्रह का आयोजन किया। गुर पतवंत सिंह पन्नू इस आतंकी गुट के प्रमुख है। आरोप है कि पन्नू भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि आईटी कंपनियां थाईलैंड में नौकरी के बहाने भारतीय कामगारों की भर्ती कर म्यांमार ले जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने कुछ लोगों को बचाया है। उन्होंने आगे भारतीय नागरिकों से अपील कि की नौकरी की पेशकश लेने से पहले सावधानी बरते और सभी तथ्यों को क्रॉसचेक करें।
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