Manish Siodiya Bail impact on Arvind Kejriwal Case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी (AAP) के दूसरे नेता हैं, जिन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत मिली है। इससे पहले AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका को अदालत ने हरी झंडी दिखाई थी। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसी मामले में सलाखों के पीछे बंद हैं। ऐसे में सवाल ये है कि मनीष सिसोदिया की जमानत का अरविंद केजरीवाल की सजा पर क्या असर पड़ेगा?
अरविंद केजरीवाल को होगा फायदा
एक्सपर्ट्स की मानें तो मनीष सिसोदिया को शर्तों के आधार पर जमानत दी गई है। CBI और ED दोनों की रिपोर्ट्स पर विचार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला लिया है। जाहिर है इसका फायदा अरविंद केजरीवाल को भी जरूर होगा। हालांकि सीएम केजरीवाल और सिसोदिया की सजा में बड़ा अंतर है। मनीष सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं तो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार हुए कुछ महीने ही हुए हैं।
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कैसे मिलती है जमानत?
कानूनी जानकारों के अनुसार हर आरोपी की जमानत के अलग-अलग आधार होते हैं। इसलिए अदालत कई चीजों को ध्यान में रख कर उनकी जमानत पर विचार करती है। ऐसे में कोर्ट आरोप, हिरासत के उद्देश्य, दोहरी स्थितियों का परीक्षण, मुकदमें को आगे बढ़ाने की संभावना, आरोपी की उम्र और निर्बलताओं जैसी कई चीजों पर विचार करने के बाद जमानत को मंजूरी देती है।
अपने साथियों के साथ राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को नमन किया।
धन्यवाद बापू जेल के अंधेरों में मुझे रोशनी का रास्ता दिखाने के लिए… pic.twitter.com/6NF8kAB7mN
— Manish Sisodia (@msisodia) August 10, 2024
केजरीवाल का केस मजबूत
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी अरविंद केजरीवाल से काफी हद तक जुड़ी हुई है। इसलिए सिसोदिया की जमानत का असर केजरीवाल पर भी पड़ेगा। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में गिरफ्तार किया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यही सवाल पूछा था कि क्या इस केस में सिर्फ आपको ही गिरफ्तार किया गया है? इसका जवाब था नहीं, मनीष सिसोदिया भी जेल में थे। मगर अब वो बाहर आ चुके हैं। इसलिए केजरीवाल की जमानत याचिका का पक्ष भी मजबूत हो गया है।
कई मुकदमों पर पड़ेगा असर
संविधान की बात करें तो मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 21 के तहत सभी को संवैधानिक संरक्षण का अधिकार प्राप्त है। वहीं धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) भी कुछ खास परिस्थितियों में स्पीडी ट्रायल का विकल्प देता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मनीष सिसोदिया को जमानत देकर सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि जेल की बजाए जमानत का सिद्धांत ही मार्गदर्शक नियम होना चाहिए। मनीष सिसोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ना सिर्फ अरविंद केजरीवाल को प्रभावित करेगा बल्कि देश में लंबित अन्य मामलों पर भी असर डालेगा।
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