प्रभाकर मिश्र की रिपोर्ट
Manipur Violence : मणिपुर हिंसा में कई घरों की चिराग बुझ गई है। अब तक कई लोगों के शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में मारे गए लोगों के 170 शवों के बिना अंतिम संस्कार के पड़े रहने पर चिंता जताई है। SC ने चिंता जताते हुए कहा कि राज्य के हालात को देखते हुए मुर्दाघरों पर शवों का यूं पड़े रहना ठीक नहीं है। इसके जरिये किसी तरह माहौल को खराब रखने की कोशिश हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिन लाशों की पहचान हो गई है और उनके परिजनों ने जिन पर दावा भी किया है, घरवाले उन शवों का अंतिम संस्कार सरकार द्वारा चिह्नित किए गए 9 जगहों पर अंतिम संस्कार कर सकते हैं। इसमें किसी तीसरे पक्ष को दखल की जरूरत नहीं है। ये कवायद अगले सोमवार तक पूरी हो जानी चाहिए। सरकार परिजनों को अंतिम संस्कार के 9 जगहों की जानकारी देगी।
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SC ने कहा कि जिन शवों की पहचान हो गई है, सरकार सोमवार तक उनके घरवालों को फिर से सूचित करेगी। अगर परिजन एक सप्ताह के अंदर शवों को नहीं लेते हैं तो सरकार उनका अंतिम संस्कार कर सकती है। जिन शवों की पहचान नहीं हुई है, सरकार उनका अंतिम संस्कार कर सकती है। हालांकि, शवों के अंतिम संस्कार से पहले डीएनए नमूने लिए जाए। कलेक्टर और SP सुनिश्चित करें कि शवों को अंतिम संस्कार गरिमापूर्ण तरीके से हो। कोई कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने जैसे हालात पैदा न हो। सरकार सुनिश्चित करेगी कि जिन मृतकों के परिजन रिलीफ कैंप में रह रहे हैं, वो शवों की पहचान कर अंतिम संस्कार कर सकते हैं।