हिंसा से प्रभावित मणिपुर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए आवास निर्माण को लेकर सरकार ने लोकसभा में अपना जवाब दिया है. राज्य में लंबे समय से चली आ रही हिंसा और तनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बेघर हुए. इन्हीं लोगों के लिए क्या कोई विशेष आवास योजना लागू की गई है—यह सवाल सांसद डॉ. अंगोमचा बिमोल अकोइजाम ने सरकार से पूछा. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि अब तक कितने घर बन चुके हैं, किस जगह निर्माण हुआ है और केंद्र ने कितनी आर्थिक सहायता दी है.
सरकार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी (PMAY-U) और नई PMAY-U 2.0 योजना के तहत मणिपुर में अब तक 56,045 घरों को मंजूरी दी गई है. इनमें से 20,591 घर पूरी तरह बनकर लोगों को सौंपे जा चुके हैं. 49,846 घरों का निर्माण काम भी चल रहा है. केंद्र ने यह स्पष्ट किया कि जमीन, बस्तियों और बसावट से जुड़े फैसले राज्य सरकार ही लेती है, जबकि केंद्र PMAY जैसी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद देता है, ताकि शहरी गरीब परिवारों और खासतौर पर हिंसा से प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित आवास मिल सके.
सरकार के अनुसार PMAY-U को बेहतर बनाकर PMAY-U 2.0 शुरू किया गया है, जो 1 सितंबर 2024 से लागू है और इसमें 1 करोड़ नए शहरी परिवारों को शामिल किया गया है. यह योजना पूरी तरह डिमांड आधारित है, यानी राज्य और स्थानीय निकाय तय करते हैं कि किसे घर मिलना चाहिए. लाभार्थी चाहें तो ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए स्वयं भी आवेदन कर सकते हैं.
केंद्र ने यह भी बताया कि मणिपुर को अब तक ₹582.36 करोड़ जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से ₹468.53 करोड़ खर्च हो चुके हैं. पूरी योजना के लिए कुल ₹867.95 करोड़ की मंजूरी दी गई है.










