Manipur Violence: डेढ़ महीना हो गया है, लेकिन मणिपुर में हिंसा का कोई अंत नहीं दिख रहा है। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह ने अपने राज्य की स्थिति की तुलना युद्ध-ग्रस्त लीबिया, लेबनान और सीरिया से की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैं मणिपुर का एक साधारण भारतीय हूं जो सेवानिवृत्त जीवन जी रहा हूं। राज्य अब ‘स्टेटलेस’ है। जीवन और संपत्ति किसी के द्वारा कभी भी नष्ट की जा सकती है। जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया में हो रहा है। ऐसा लगता है कि मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन रहा है?
पूर्व लेफ्टिनेंट के ट्वीट को पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने रीट्वीट किया और कहा कि मणिपुर से एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल का एक असाधारण दुखद कॉल। मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। मलिक ने अपना ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग किया है।
An extraordinary sad call from a retired Lt Gen from Manipur. Law & order situation in Manipur needs urgent attention at highest level. @AmitShah @narendramodi @rajnathsingh https://t.co/VH4EsLkWSU
— Ved Malik (@Vedmalik1) June 16, 2023
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तीन मई को मणिपुर में भड़की थी हिंसा
मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़की थी। इंफाल घाटी के मेतैई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद शुरू हुई हिंसा में अब तक सौ से अधिक लोग मारे गए हैं। मणिपुर के बाहर हजारों लोग शरणार्थी कैंपों में रहने को मजबूर हैं। मणिपुर में कोई भी सुरक्षित नहीं है। गुरुवार को इंफाल में केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया। आवास पर होमगार्ड भी तैनात थे। लेकिन हिंसा रोकने में नाकामयाब रहे।
मंत्री रंजन बोले- स्तब्ध हूं
आरके रंजन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मैं स्तब्ध हूं। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह विफल हो गई है। यह देखकर बहुत दुख होता है कि मेरे गृह राज्य में क्या हो रहा है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा में शामिल लोग बिल्कुल अमानवीय हैं।
नागरिक समूहों ने पीएम मोदी से की शांति बहाली की मांग
जारी हिंसा के बीच, कई नागरिक समाज समूहों ने पीएम मोदी से मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए कोर्ट की निगरानी में ट्रिब्यूनल बनाने की मांग की है। साथ ही पीड़ित व्यक्तियों के लिए मुआवजा मांगा है। लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर में वर्तमान स्थिति की जवाबदेही लेनी चाहिए। तथ्यों को स्थापित करने के लिए अदालत की निगरानी में एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाना चाहिए, और विभाजन को कम करने के लिए मणिपुर के समुदायों को अलग करने वाले घाव को भरने और न्याय के लिए जमीन तैयार करनी चाहिए।
शुक्रवार को 17 लोग हुए गिरफ्तार
14 जून को उपद्रवियों ने इंफाल पश्चिम में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास को जला दिया। मंगलवार देर रात भड़की हिंसा में कम से कम नौ लोगों की जान चली गई और पांच अन्य घायल हो गए। राज्य में आगजनी के विभिन्न मामलों में शुक्रवार को मणिपुर पुलिस ने कम से कम 17 लोगों को गिरफ्तार किया।
पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्रवार को इंफाल में भीड़ द्वारा एक गोदाम में आग लगा दी गई, जिसके बाद उनकी मणिपुर की रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) से झड़प हुई। हालांकि, आग पड़ोस के घरों में नहीं फैली, क्योंकि दमकल कर्मियों और सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया।
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