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Mamata Banerjee के लिए Asaduddin Owaisi कितनी बड़ी चुनौती? दिल्ली में केजरीवाल को चौंका चुके

Mamata Banerjee vs Asaduddin Owaisi: पश्चिम बंगाल में इस बार ओवैसी ममता बनर्जी को झटका दे सकते हैं। जानकारी के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओवैसी 5 सीटों पर केजरीवाल का खेल खराब कर चुके हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के लिए ओवैसी ने खतरे की घंटी बजा दी है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 18, 2025 09:24
Mamata Banerjee vs Owaisi Bengal
Mamata Banerjee vs Owaisi Bengal

West Bengal elections 2026: पश्चिम बंगाल में मई 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। एआईएमआईएम ने बंगाल विधानसभा चुनाव में उतर सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह बंगाल में ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने चैंकाने वाला प्रदर्शन किया। ऐसे में अगर ओवैसी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को फायदा मिल सकता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 5 सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने उम्मीदवार उतारे। इनमें से पार्टी ने 2 सीटों ओखला और मुस्तफाबाद में अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर दी। मुस्तफाबाद में ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को 33470 वोट मिले। इसके कारण बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट चुनाव जीत गए। जबकि ओखला सीट पर ओवैसी की पार्टी को 39558 वोट मिले। इस सीट पर आप की जीत का मार्जिन ओवैसी की पार्टी को मिले वोटों से कम है। यहां पर बीजेपी उम्मीदवार मनीष चौधरी दूसरे नंबर पर रहे।

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मुस्लिमों को साध रहे ओवैसी

बता दें कि ओवैसी बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतार चुके हैं। 2021 के चुनाव में उन्होंने दक्षिण बंगाल की मुस्लिम बाहुल्य सीटों और राजधानी कोलकाता की अन्य सीटों पर उम्मीदवार उतारकर हलचल मचाई थी। उन्होंने प्रदेश में मुस्लिमों का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा राज्य की सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की मौजूदगी सिर्फ 6 प्रतिशत ही क्यों है? जबकि प्रदेश में पिछले 4 दशकों से वाम मोर्चा और टीएमसी का शासन है।

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100 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स प्रभावी

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की खराब आर्थिक स्थिति और शिक्षा में पिछड़ेपन का कारण ममता बनर्जी ही है। बता दें कि बंगाल में करीब 30 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। 294 सदस्यीय विधानसभा में 100 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर्स हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में अगर इन सीटों पर एआईएमआईएम के कारण बीजेपी को बढ़त मिलती है तो ममता बनर्जी 2026 का चुनाव हार सकती है।

इसके अलावा ममता के लिए एकला चलो की रणनीति भी भारी पड़ सकती है। ममता बनर्जी को लगता है कि कांग्रेस और वामदलों से समझौता करके उसे प्रदेश में नुकसान हो सकता है। जबकि आंकड़ों के अनुसार 2021 के चुनाव में कांग्रेस को 2.93 प्रतिशत वोट मिले। वहीं वामदलों को 4.73 प्रतिशत वोट मिले।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Feb 18, 2025 09:24 AM

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