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सुवेंदु अधिकारी से मिलीं ममता बनर्जी, नेता प्रतिपक्ष को बताया ‘भाई’

Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल राज्य में विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को एक संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि उन्हें कैसे हराना है। जैसे मैंने कंपनी के मालिक को हराया है, वैसे ही आप भी कर सकते हैं। मुझे प्रति बूथ 50 लोगों की जरूरत […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Nov 25, 2022 17:03
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Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल राज्य में विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को एक संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि उन्हें कैसे हराना है। जैसे मैंने कंपनी के मालिक को हराया है, वैसे ही आप भी कर सकते हैं। मुझे प्रति बूथ 50 लोगों की जरूरत है। 30 युवक और 20 महिलाएं। सभी महिलाएं मां भवानी और पुरुष स्वामी विवेकानंद के शिष्य होंगे।’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने गए अधिकारी

बहरहाल, पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज सभी को हैरान कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली जब नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी विभान सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कमरे में गए।

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भाजपा के दो विधायक अग्निमित्रा पाल और मनोज तिग्गा भी मौजूद थे। विधानसभा में पहली बार विपक्ष के नेता शुभेंदु ममता के कमरे में गए। बाद में विधानसभा सत्र में, मुख्यमंत्री ने सुवेंदु को अपने ‘भाई’ के रूप में संबोधित किया। ऐसे ही नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण को लेकर एक बार फिर प्रदेश की राजनीति सक्रिय हो गई है। सुवेंदु शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए और दोष मुख्यमंत्री पर डाल दिया।

इसके ठीक दो दिन बाद दोनों की मुलाकात एसेंबली में हुई। मुलाकात के बाद ममता ने कहा, ‘मैंने सुवेंदु को चाय पर बुलाया।’ राज्य में विपक्ष के नेता ने कॉल का जवाब दिया। उस संदर्भ में सुवेंदु ने बाद में कहा, ‘यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. हालांकि मैंने चाय नहीं पी है।’

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ममता ने सुवेंदु को अपना भाई कहा

शिष्टाचार मुलाकात के बाद विधानसभा सत्र में ममता ने सुवेंदु को अपना भाई कहकर संबोधित किया। ममता ने कहा, ‘मैं उन्हें भाई की तरह प्यार करती थी, वह लोकतंत्र की बात करते थे।’ शुक्रवार को ममता ने सुवेंदु के पिता और कांथी सांसद शिशिर अधिकारी के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘जब पार्टी बनी तो आप वहां नहीं थे। शिशिर दा हमारे खिलाफ हो गए। मैं उनका सम्मान करती हूं। संयोग से, तृणमूल के गठन के समय कोई भी अधिकारी परिवार शामिल नहीं हुआ था। वे बाद में आए। शिशिर ने 1998 के लोकसभा चुनाव में कांथी में तृणमूल के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।’

बता दें कि सुवेंदु तृणमूल छोड़कर पिछले साल 19 दिसंबर को भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी नेता से उनकी दूरी उससे काफी पहले ही बन गई थी। उसके बाद विधानसभा चुनाव में वे नंदीग्राम में प्रतिद्वंद्वी थे। सुवेंदु जीत गए। बाद में भवानीपुर उपचुनाव में ममता ने जीत हासिल की। इसके बाद भी सुवेंदु ममता को ‘कम्पार्टमेंटल चीफ मिनिस्टर’ कहकर ताना मारते रहे। उन्होंने तृणमूल पर ‘PISI-BHAIPO लिमिटेड कंपनी’ कहकर हमला करना शुरू कर दिया। उधर, ममता ने भी कुछ और ही बातें कहीं। लेकिन उन्होंने कभी भी सुवेंदु का नाम इस तरह नहीं लिया। लेकिन लड़ाई जारी थी। इस बीच, विधानसभा आज वास्तव में हैरान रह गई।

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Edited By

Nitin Arora

First published on: Nov 25, 2022 05:03 PM

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