Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं। राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया। सरकार ने कहा कि सस्पेंशन पीरियल को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। परमबीर 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने परम बीर सिंह की विभागीय जांच को गलत करार देते हुए उसे बंद करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनका निलंबन भी वापस लेने के आदेश दिए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं। राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया। pic.twitter.com/irkMlvXAoV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 12, 2023
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उद्धव सरकार ने परमबीर के खिलाफ कराई थी जांच
25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक गाड़ी में धमाका हुआ था। इस केस में पुलिस अधिकारी सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। परमबीर ने तत्काल सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिया था। 17 मार्च को उन्हें मुंबई कमिश्नर पद से हटा दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कराई। इसके बाद दिसंबर 2021 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
परमबीर सिंह अंडरवर्ल्ड के स्पेशलिस्ट
परमबीर सिंह को अंडरवर्ल्ड का स्पेशलिस्ट माना जाता है। वे मालेगांव ब्लास्ट की जांच के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए थे। परमबीर एटीएस में डिप्टी आईजी के पद पर भी रह चुके हैं। परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली, भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। 9 लाख वसूली के केस में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। मुंबई की ठाणे पुलिस ने जुलाई 2021 में उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था।