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क्या चारों विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से प्रचार करेंगे महाराष्ट्र के CM शिंदे? क्यों हो रही अलोचना?

Maharashtra CM Eknath Shinde Will Campaign For BJP in Assembly Elections: क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Nov 13, 2023 12:29
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Maharashtra CM Eknath Shinde Will Campaign For BJP in Assembly Elections: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे दल वाली शिवसेना हमेशा ही विरोध करती देखी गई है। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर सीएम शिंदे पर हमला किया है। अब सीएम शिंदे द्वारा भाजपा के लिए की जा रही विधानसभा चुनाव में प्रचार को लेकर अलोचना की जा रही हैं। इसके साथ ही कहा जा है कि 31 दिसंबर के बाद राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे की अनधिकृत राजनीति खत्म होनेवाली है। उन्होंने खोके बांटकर सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन ऐन दिवाली पर उनका मूड साफ तौर पर खराब हो गया है, क्योंकि उन्हें यकीन हो गया है कि अब वे सत्ता को उसी तरह बरकरार नहीं रख पाएंगे। मुख्यमंत्री शिंदे के बारे में ये मजेदार है। वे खुद को शिवसेना का नेता आदि मानते हैं। उनका दावा है कि उनके साथ जो 40 विधायकों और 10-12 सांसदों का गिरोह है वही शिवसेना है, लेकिन अब तक महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसे कई गिरोह, टिड्डियां आए और गायब हो गए हैं। घाती टोली का भी यही हाल होगा। मजेदार बात यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे अब भाजपा के लिए चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे।

ठाणे की डुप्लीकेट सेना करेगी चुनाव प्रचार

यह भी मजाक ही है कि ठाणे की डुप्लीकेट सेना राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना राज्यों में भाजपा की जीत के लिए प्रचार करेगी। भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक ताकत पैसों की मस्ती में है। पैसा, सत्ता और जांच तंत्र ही भाजपा को जीत दिलाती है और यही उनकी जीत का सूत्र है। विचार, नीति आदि नगण्य हैं। ऐसे में शिंदे का चार राज्यों में चुनाव प्रचार करना समझ में आता है। शिंदे और उनकी टोली चार राज्यों में प्रचार करेगी, लेकिन यही लोग मुंबई और ठाणे समेत 14 महानगरपालिकाओं में चुनाव करवाने से डर रहे हैं। ये भी मजेदार है कि शिंदे कभी भी सुसंगत विचारों के लिए प्रख्यात नहीं रहे। शिवसेना के विचार व शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की भूमिका कभी समझ नहीं पाए इसीलिए वह पांच राज्यों में भाजपा के प्रचार की चाकरी करने जा रहे हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन

बालासाहेब ठाकरे या उद्धव ठाकरे तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में यकीनन थे। वाजपेयी-आडवाणी ने दिल्ली की सत्ता संभाली। इसके लिए शिवसेनाप्रमुख ने उन्हें महाराष्ट्र से जोरदार समर्थन भी दिलाया, लेकिन उन्होंने दूसरे राज्यों में जाकर भाजपा की मजदूरी नहीं की। लेकिन आज जब सारा सामान नकली है तो नकली शिवसेना का गिरोह चार राज्यों में भाजपा के प्रचार-प्रसार के लिए निकल प़ड़ा है। खैर, उनके अभियान के मुद्दे क्या होंगे? उनके अभियान का विषय मोदी-शाह की खुशामद करने और यह दिखाने कि शिवसेना (नकली) आपकी बटीक है। वह महाराष्ट्र के आचार, विचार और संस्कृति पर पानी फेरकर अन्य प्रांतों में भाजपा का प्रचार करेंगे। इसके बजाय, वे सीधे भाजपा में क्यों नहीं शामिल हो जाते? लोग अब यह सवाल करने लगे हैं। स्वर्गीय राम गणेश गडकरी का संगीत नाटक ‘एकच प्याला’ प्रसिद्ध है।

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अल्लाबख्श का किरदार

इस नाटक में गडकरी ने तलीराम नामक एक पियक्कड़ का किरदार रचा है। तलीराम ‘आर्य मदिरा मंडल’ नामक एक शराबियों की संस्था है। वेद शास्त्री शास्त्रीबुवा और अल्लाबख्श इसमें दो मुख्य किरदार हैं। खूब शराब पीने के बाद दोनों के बीच वैचारिक बहस छिड़ जाती है। मजेदार बात यह है कि नशे में धुत होकर ये दोनों किरदार अपनी-अपनी मूल भूमिका भूलकर विपरीत भूमिका में आ जाते हैं और लड़ते हैं। शास्त्रीबुवा इस्लाम महानता का गुणगान करते हैं और अल्लाबख्श हिंदू धर्म की महानता का। बेशक, नशे में दाढ़ी वाले शास्त्रीबुवा एक काम बहुत बढ़िया कर जाते हैं। वह अल्लाबख्श की तारीफ करते हुए कहते हैं, ‘शाबाश अल्लाबख्श आज तुमने हिंदू धर्म की लाज रख दी है।’ ‘एकच प्याला’ नाटक के ‘आर्य मदिरा मंडल’ में होने वाला यह नाटक आज महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहा है। मुख्यमंत्री शिंदे इस समय अल्लाबख्श का किरदार निभा रहे हैं और वह भाजपा के ढोंगी हिंदुत्व का प्रचार कर रहे हैं। सत्य को पैरों तले रौंदकर, ‘झूठ’ को सीने से लगाए हुए हैं।

बालासाहेब ठाकरे की मूल शिवसेना

मुख्यमंत्री शिंदे की टोली फिलवक्त किस अवस्था से गुजर रही है? यह देखना पड़ेगा। उनकी टोली के दो प्रमुख सदस्यों गजानन कीर्तिकर और रामदास कदम ने एक-दूसरे पर गद्दारी का आरोप-प्रत्यारोप किया है। यानी बालासाहेब ठाकरे की मूल शिवसेना के साथ पहली गद्दारी और अब जहां पर है वहां पर दूसरी गद्दारी। कीर्तिकर-कदम की लड़ाई इस हद तक पहुंच चुकी है कि शायद उस तकलीफ से छुटकारा पाने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे चार राज्यों में शांति के लिए प्रचार करने निकले हैं। कीर्तिकर और कदम ने एक-दूसरे की गद्दारी के ‘सबूत’ जाहिर किए। इसलिए शिंदे की टोली का ‘डीएनए’ सामने आ गया।

एकाध बार तीर्थयात्रा

शिंदे कभी एकाध बार तीर्थयात्रा पर तो अक्सर दिल्ली के चरणों में रहते हैं। अब वे अपना मन बहलाने के लिए खुद को भाजपा के प्रचार में झोंक रहे हैं। यह अच्छा ही हुआ कि उन्हें 1 साल के भीतर ही एहसास हो गया है कि नकली और डुप्लीकेट शिवसेना की प्रचार में कुछ खास नहीं बचा। महाराष्ट्र के ‘अल्लाबख्श’ भाजपा के लिए प्रचार करने निकले हैं। उनकी ‘अंतिम मंजिल’ वही है।

First published on: Nov 13, 2023 12:29 PM

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