Madhya Pradesh Chhattisgarh Assembly Election: भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ में 21 और मध्य प्रदेश में 39 उमीदवारों के नाम तय किए हैं। यह पहली बार जब है कि भाजपा ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है।
खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने अपना उम्मीदवार तय कर दिया है। विजय बघेल, भूपेश बघेल के रिश्तेदार हैं। उन्हें भाजपा ने पाटन सीट से टिकट दिया है। वे दुर्ग से लोकसभा सांसद हैं।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा 90 सदस्यों की है, जबकि मध्य प्रदेश में 230 सदस्य हैं। उम्मीदवारों के नामों का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के एक दिन हुआ है। केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों का चयन, चुनाव रणनीति की तैयारी के लिए निर्णय लेने वाली संस्था है।
यह देखें मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों की लिस्ट
एमपी में शिवराज का नाम पहली सूची में नहीं
मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की पहली सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रमुख मंत्रियों के नाम नहीं हैं। भाजपा की छत्तीसगढ़ सूची में पांच महिलाएं, अनुसूचित जनजाति के 10 उम्मीदवार और अनुसूचित जाति वर्ग से एक उम्मीदवार शामिल हैं। मध्य प्रदेश के लिए पार्टी ने पांच महिलाओं, आठ अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों और 13 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को चुना है।
यहां देखें छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की लिस्ट
छत्तीसगढ़: पहली सूची से पूर्व सीएम रमन सिंह का नाम गायब
छत्तीसगढ़ की पहली सूची में मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम गायब हैं। दुर्ग से लोकसभा सांसद विजय बघेल को पाटन सीट पर उतारा गया है।
उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में इतनी जल्दबाजी क्यों?
उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद सवाल उठता है कि बीजेपी को इतनी जल्दी क्यों थी? दरअसल, हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को गुटबंदी और नाराजगी झेलनी पड़ी थी। उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के साथ ही मतभेद देखने को मिले थे। कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। नतीजा भाजपा को कांग्रेस से हार झेलनी पड़ी थी। भाजपा चाहती है कि यदि असंतोष उपजे तो उसे समय से पहले दूर किया जा सके।
इस साल के अंत में राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल हैं, जहां चुनाव होने वाले हैं। इनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विपक्षी पार्टियां सत्ता में हैं। मिजोरम और मणिपुर में अशांति के मद्देनजर सहयोगी और सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के साथ भाजपा के संबंध तनावपूर्ण हैं।
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