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स्टेज 4 कैंसर को हरा मधुरिमा कैसे बनीं NEET टॉपर? प्रेरणादायक है ये सक्सेस स्टोरी

Madhurima Baidya Success Story Cancer Survivor NEET 2024 Topper: कैंसर के आखिरी चरण में लोगों को अमूमन जिंदगी और मौत की चिंता सताती है, लेकिन त्रिपुरा की मधुरिमा अपनी पढ़ाई को लेकर परेशान थीं। उन्होंने न सिर्फ कैंसर को मात दिया बल्कि NEET की टॉपर भी बन गईं।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Dec 25, 2024 13:44
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madhurima Baidya Neet Topper Tripura

Madhurima Baidya Success Story: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का नाम सुनकर ही कुछ लोग डर से थरथर कांपने लगते हैं। स्टेज 4 कैंसर का आखिरी चरण होता है, जिसे मात देना लगभग नामुमकिन है। कैंसर की जिस स्टेज पर आकर लोग जिंदगी से हार मान लेते हैं, उस स्टेज में भी एक लड़की ने हिम्मत नहीं हारी। अस्पताल के बेड पर उसने अपना करियर संवारने का फैसला किया। वो 10वीं और 12वीं की टॉपर बनी। एक तरफ कैंसर का इलाज चल रहा था तो दूसरी तरफ उसने NEET की तैयारी शुरू कर दी। NEET 2024 में उसने 87% मार्क्स के साथ मिसाल कायम कर दी।

11 साल की उम्र में हुआ कैंसर

यह कहानी है त्रिपुरा के एक छोटे से गांव में रहने वाली मधुरिमा बैद्य की। 11 साल की उम्र में मधुरिमा को पता चला कि उन्हें स्टेज 4 कैंसर हो गया है। तब मधुरिमा 6ठीं कक्षा में पढ़ती थीं। मधुरिमा कैंसर के स्टेज 4 पर थीं। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और न ही अपने सपनों का साथ छोड़ा। अस्पताल में भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

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मुंबई में चला इलाज

मधुरिमा कहती हैं कि 2016 में उन्हें स्टेज 4 नॉन हॉजकिन्स लिम्फोमा नामक कैंसर का पता चला। यह बहुत रेयर किस्म का कैंसर है, जो बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में मधुरिमा का इलाज शुरू हुआ। मधुरिमा की कीमोथेरेपी होती थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी।

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madhurima Baidya Neet Topper

अस्पताल में की पढ़ाई

मधुरिमा ने बताया कि कीमोथेरेपी की हाई डोज के बावजूद मुझे सबसे ज्यादा चिंता पढ़ाई की होती थी। मुझे स्कूल जाना बहुत पसंद था और मुझे अपने दोस्तों की याद आती थी। मैंने अस्पताल के ओपीडी में पढ़ाई जारी रखी। कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज चलती थी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर डॉक्टर बनना।

10वीं-12वीं टॉपर

10वीं कक्षा में मधुरिमा ने 96 प्रतिशत अंक हासिल किए। वहीं 12वीं में 91 प्रतिशत मार्क्स के साथ वो टॉपर्स लिस्ट में शामिल हो गईं। इसके बाद उन्होंने NEET की तैयारी शुरू की। मधुरिमा का कहना है कि उनकी इस जर्नी में माता-पिता और बडी बहन ने पूरा साथ दिया। उनकी बड़ी बहन दिल्ली के बाबा साहेब मेडिकल कॉलेज में इंटर्न हैं। उन्होंने मधुरिमा की मदद की।

NEET में किया टॉप

अस्पताल में मौजूद मधुरिमा ऑनलाइन क्लास करती थीं। साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। 2024 की NEET परीक्षा में मधुरिमा ने अपनी किस्मत आजमाई और पहले ही प्रयास में वो 87% अंकों के साथ NEET की टॉपर बन गईं। मधुरिमा अब त्रिपुरा के शांति निकेतन मेडिकल कॉलेज में MBBS की स्टूडेंट हैं और वो जल्द ही बतौर डॉक्टर अपनी प्रेक्टिस शुरू करने वाली हैं। मधुरिमा की जर्नी हर किसी के लिए मिसाल है।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Dec 25, 2024 01:44 PM

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