Lok Sabha Election 1977 Indira Gandhi Memoir: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच बात करते हैं देश के छठे लोकसभा चुनाव की, जो 1977 में हुए थे और इन चुनाव में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) बुरी तरह हारी थीं। इंदिरा हटाओ, देश बचाओ का जनता दल का नारा कामयाब हुआ। इंदिरा गांधी इतनी बुरी तरह हारीं कि अपनी सीट रायबरेली भी नहीं बचा पाईं। यहां से वे 55 हजार वोटों से हारी थीं। 47 साल पहले 20 मार्च 1977 को चुनाव नतीजे आए तो इंदिरा गांधी टूट गई थीं।
दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी के घर पर मातम जैसा माहौल छा गया था। इंदिरा अपने कमरे में चली गईं। उन्होंने कई घंटे दरवाजा नहीं खोला। करीब 4 दिन उन्होंने किसी से बात नहीं की। वे तनाव में थी। न किसी से मुलाकात की और न ही कुछ खाया पिया। चुनावी हार की टीस उनके दिल में हजारों छेद कर रही थी। वे दर्द में थीं, लेकिन किसी से कह नहीं पाईं। दोनों बहुओं सोनिया गांधी और मेनका गांधी को पोते-पोती राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ दोस्त सुमन दुबे के घर भिजवा दिया। उन्हें संजय गांधी की चिंता खाए जा रही थी।
The Raghu Rai exhibition at KNMA in Delhi is quite a treat. Here’s a photo of Indira Gandhi at Vinoba Bhave’s ashram after losing the 1977 post-Emergency election. pic.twitter.com/sVEt18ooYp
---विज्ञापन---— Shivam Vij (@DilliDurAst) March 11, 2024
संजय के नाम की इंदिरा ने मांगी थी गारंटी
एक मीडिया हाउस की कंट्रीब्यूटिंग एडिटर नीरजा चौधरी अपनी किताब ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ में यह खुलासे किए। नीरजा लिखती हैं कि 22 मार्च को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तब देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बीडी जत्ती थे। इंदिरा गांधी को इस्तीफा देते देखकर उनकी पत्नी संगम्मा रोने लगी थीं।
ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1975 में लगाई इमरजेंसी ने इंदिरा गांधी का करियर खत्म कर दिया था। राष्ट्रपति ने इस्तीफे वाला लिफाफा लिया, लेकिन खोलकर नहीं देखा। इंदिरा गांधी के समर्थक चाहते थे कि नया प्रधानमंत्री चुने तक वे पद पर बनी रहें, लेकिन वे टूट गई थीं। उनके दिल दिमाग में द्वंद्व चल रहा था। हालात चाहे जैसे भी हों, उस चुनाव ने भारतीय राजनीति की तस्वीर ही बदल दी थी।
The I in our Women’s History Month Spotlight is for Indira Gandhi
Indira Gandhi (1917–1984) was a towering figure in Indian politics, serving as Prime Minister from 1966 to 1977 and again from 1980 until her assassination in 1984. Born into the Nehru-Gandhi family, she was the… pic.twitter.com/Vrh4XsucdM
— Duval Progressives #CeasefireNow! (@duvalprogress) March 19, 2024