Kashmir News: पाकिस्तान समर्थित टेरर ग्रुप्स जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को टारगेट करने की प्लानिंग को फिर से एक्टिवेट कर रहे हैं. इसलिए इंटेलिजेंस एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. ताजा इंटेलिजेंस इनपुट्स से पता चलता है कि पाकिस्तान समर्थित टेररिस्ट ग्रुप्स लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की टेरर एक्टिविटीज़ में गंभीर बढ़ोतरी हुई है. जिसके तहत स्लीपर सेल को फिर से एक्टिवेट किए जाने की जानकारी है. सर्दी पूरी तरह से आने से पहले बड़े पैमाने पर हमलों की प्लानिंग कर रहे हैं. इस अलर्ट में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को शामिल किया गया है. जिसमें फिदायीन हमलों और ड्रोन से होने वाले ऑपरेशन्स सहित आने वाले हमलों की चेतावनी दी गई है. इस बढ़ोतरी को 2025 की शुरुआत में भारत के ऑपरेशन सिंदूर का बदला माना जा रहा है. जिसमें POK और पाकिस्तान में LOC के पार कई टेरर कैंप्स को खत्म कर दिया गया था.
अक्टूबर में POK में बड़े लेवल पर जुटे थे आतंकी
इंटेलिजेंस सोर्सेज का कहना है कि टेरर यूनिट्स ने घुसपैठ और टोह लेना तेज कर दिया है. वे लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर संभावित बड़ी घुसपैठ और हवाई हथियार गिराने के लिए कमजोर जगहों को मैप करने के लिए ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल कर रहे हैं. अक्टूबर में POK में बड़े लेवल पर आतंकी जमावड़े हुए. जिनमें ISI, जमात-ए-इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन और ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान का बदला लेने के लिए वजीफा पाने वाले पुराने कमांडर शामिल थे. खबर है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के कमांडो भी LeT और JeM के आतंकी हैंडलर्स के साथ शामिल थे.
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नार्को-टेरर रूट और हथियारों की स्मगलिंग बढ़ी
इन आतंकी ऑपरेशन्स को फाइनेंस करने के लिए पंजाब और राजस्थान के रास्ते नार्को-टेरर रूट और हथियारों की स्मगलिंग बढ़ रही है. जो सर्दियों के मुश्किल हालात के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं. नॉर्दर्न कमांड की इंटेलिजेंस ने कन्फर्म किया है कि जम्मू-कश्मीर में एक्टिव आतंकियों की संख्या दोगुनी हो गई है. जिसमें अब 131 आतंकी शामिल हैं. जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी हैं और ये चिनाब वैली और पीर पंजाल जैसे इलाकों में मौजूद हैं. यह बढ़ोतरी तब हो रही है जब 2025 तक कई आतंकियों को खत्म करने वाले मजबूत एंटी-टेरर ऑपरेशन चल रहे हैं.
आर्मी, CRPF और पुलिस ने बढ़ाई देश भर में सतर्कता
यह अलर्ट हाल के काउंटर-टेरर ऑपरेशन्स से मेल खाता है. खासकर 10 नवंबर को दिल्ली में हुए जानलेवा ब्लास्ट से जुड़े एक व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल से, जिसमें पढ़े-लिखे लोगों को गुप्त ऑपरेटिव्स के तौर पर रेडिकलाइज करने जैसी नई आतंकी टैक्टिक्स का खुलासा हुआ है. आर्मी, CRPF और पुलिस समेत देश भर की सिक्योरिटी एजेंसियों ने पेट्रोलिंग, सर्विलांस, गाड़ियों की चेकिंग और ड्रोन काउंटरमेजर तेज कर दिए हैं. जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सालों की कामयाबी के बाद आतंकी गतिविधियों में यह बढ़ोतरी एक बड़ी चुनौती है. जो आगे “आतंक की लंबी सर्दी” का संकेत देती है. क्योंकि एजेंसियां कोऑर्डिनेटेड स्ट्राइक और अस्थिरता की कोशिशों को रोकने के लिए बहुत ज़्यादा सतर्कता बरत रही हैं.
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