कोलकाता: पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाला यानी शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ मुखर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया गया है। कोलकाता की एक अदालत ने एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
बता दें कि एसएससी भर्ती घोटाला मामले में ईडी पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को लेकर आज कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट पहुंची थी। सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही अदालत से चटर्जी और मुखर्जी की हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की।
वकील बोले- अर्पिता की जान को खतरा
पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाला यानी शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ मुखर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा है। अर्पिता के वकीलों ने इस बारे में कोर्ट को जानकारी दी है। वकीलों ने कहा है कि हम अर्पिता के लिए डिवीजन 1 कैदी कैटेगरी चाहते हैं। वकीलों ने कोर्ट से अनुरोध किया कि खाना और पानी की जांच के बाद ही उसे अर्पिता को दिया जाए। उधर, ईडी के वकील ने भी समर्थन किया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है क्योंकि 4 से अधिक कैदियों को उनके साथ नहीं रखा जा सकता है।
अर्पिता के दो फ्लैट से करोड़ों रुपये मिले थे कैश
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उद्योग मंत्री का पद संभालने वाले चटर्जी और उनके करीबी सहयोगी को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी ने 23 जुलाई को कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच को लेकर अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट पर छापेमारी की थी। इस दौरान 21 करोड़ रुपये से अधिक नकद और करोड़ों के सोने के आभूषण जब्त किए गए थे। इसके दो दिन बाद 27 जुलाई को भी मुखर्जी से जुड़े एक अन्य फ्लैट से 27.9 करोड़ रुपये और सोने के गहने और विदेशी मुद्रा भी बरामद की थी।
बता दें कि मामला स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। कथित स्कूल नौकरी घोटाला होने पर चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे।