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जानिए कौन हैं स्वीडन के स्वांते पाबो, क्यों मिला नोबेल पुरस्कार?

नई दिल्ली: स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। ये पुरस्कार उन्हें विलुप्त हो चुके निएंडरथल मानव के जीनोम का सीक्वेंस तैयार करने के लिए मिला है। करोलिंस्का इंस्टिट्यूट में नोबेल असेंबली ने इसकी घोषणा की है। स्वंते पाबो ने अपनी खोज में पाया था […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Oct 3, 2022 20:28
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नई दिल्ली: स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। ये पुरस्कार उन्हें विलुप्त हो चुके निएंडरथल मानव के जीनोम का सीक्वेंस तैयार करने के लिए मिला है। करोलिंस्का इंस्टिट्यूट में नोबेल असेंबली ने इसकी घोषणा की है। स्वंते पाबो ने अपनी खोज में पाया था कि जीन स्थानांतरण अब विलुप्त होमिनिन से होमो सेपियन्स में हुआ था।

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत हो गई है। थॉमस पर्लमैन के मुताबिक फिजिक्स के लिए पुरस्कार की घोषणा 4 अक्टूबर को होगी। 5 अक्टूबर को केमिस्ट्री और 6 अक्टूबर को साहित्य के लिए नोबेल की घोषणा की जाएगी। जबकि 7 अक्टूबर को नोबेल शांति पुरस्कार और 10 अक्टूबर को इकोनॉमिक्स कैटेगरी के पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।

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डॉक्टर्स के अनुसार वर्तमान मनुष्यों के लिए जीन के इस प्राचीन प्रवाह की आज शारीरिक प्रासंगिकता है। उदाहरण के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमणों पर कैसे प्रतिक्रिया करती है। जानकारी के मुताबिक Svante Paabo ने एक पूरी तरह से नया वैज्ञानिक अनुशासन पेलोजेनोमिक्स स्थापित किया है। सभी जीवित मनुष्यों को विलुप्त होमिनिन से अलग करने वाले आनुवंशिक अंतरों को प्रकट करके उनकी खोजों ने यह पता लगाने का आधार प्रदान किया कि हम विशिष्ट मानव है। उन्होंने पहले अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की सनसनीखेज खोज भी की जो पूरी तरह से एक छोटी उंगली की हड्डी के नमूने से प्राप्त जीनोम डेटा से थी।

अपने शोध में पाबो ने यह पाया कि लगभग 70 हजार साल पहले अफ्रीका से प्रवास के बाद इन अब विलुप्त होमिनिन से होमो सेपियन्स में जीन स्थानांतरण हुआ था। बता दें कि Svante Paabo एक स्वीडिश आनुवंशिकीविद् हैं जो विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्हें 1990 में उन्होंने म्यूनिख विश्वविद्यालय ज्वाइन की थी। प्रोफेसर के पर पर उन्होंने पुरातन डीएनए पर रिसर्च की।

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कौन हैं स्वांते पाबो?

स्वांते पाबो का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में 20 अप्रैल 1955 में हुआ था। उनकी मां का नाम एस्टोनियो है, जो कि पेशे से कैमिस्ट केरिन थी। उनके पिता पेशे से बॉयोकेमिस्ट थे। 1986 में पाबो ने उप्साला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। उनकी शादी 2008 में लिंडा विजिलेंट से हुई। उन्होंने ई 19 प्रोटिन से जुड़ा शोध किया था, जो कि काफी सफल रहा।

 

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Edited By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 03, 2022 08:28 PM

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