West Bengal Lok Sabha Election 2024: (अमर देव पासवान, दुर्गापुर), आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कई नेता हमलावार हो गए हैं। चुनावों में जीत हासिल करने के लिए राजनेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस फेहरिस्त में अब पूर्व क्रिकेटर और TMC नेता कीर्ति आजाद का नाम भी जुड़ चुका है। पश्चिम बंगाल की दुर्गापुर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कीर्ति आजाद ने कई राजनीतिक दलों पर अपनी बल्लेबाजी का धौंस जमाया है।
बीजेपी पर साधा निशाना
दुर्गापुर में स्थित शनि मंदिर के दर्शन करने के बाद कीर्ति राज ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान कीर्ति राज ने सभी राजनीतिक पार्टियों पर बारी-बारी निशाना साधा है। बीजेपी के बारे में बात करते हुए कीर्ति राज ने कहा कि, इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को वह जीरो पर आउट कर देंगे, ऐसा सिक्सर मारेंगे कि भाजपा चुनावी मैदान ही नही बल्कि बंगाल से ही बाहर हो जाएगी।
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कीर्ति से डरे विरोधी
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने दुर्गापुर सीट से कीर्ति आजाद को सासंदीय उम्मीदवार नियुक्त किया है। मगर कीर्ति के विरोध में अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसपर बात करते हुए कीर्ति आजाद का कहना है कि उनकी बॉलिंग से सब डर गए हैं इस लिए चुनावी मैदान में उनके सामने अभी तक कोई नही है वह अकेले हैं।
कीर्ति ने की ममता की तारीफ
विरोधी दलों को खरी-खोटी सुनाते हुए कीर्ति ने ममता बनर्जी की भी खूब तारीफ की है। कीर्ति आजाद ने कहा, जिस चुनावी मैदान में खुद मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी जैसी कैप्टन खड़ी हो तो मैदान में उनको देख बड़े -बड़ों की हालत खराब हो जाती है। वह डर के मारे घर से ही नही निकलते। यही नहीं कीर्ति ने ममता को बंगाल की शेरनी और महिषासुर मर्दिनी बताया है।
बता दें कि 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने 200 पार का नारा दिया था। जिसका इशारा करते हुए कीर्ति आजाद ने कहा कि, 200 पर का स्लोगन लगाने वाले 100 भी पार नही कर पाए दीदी (ममता बनर्जी) ने 200 पार कर पांच सीट ज्यादा लाकर भी दिखा दिया और सभी महिसासुरों को हरा दिया।
लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर जीतेंगी ममता?
कीर्ति आजाद ने लोकसभा चुनाव में बंगाल की सभी 42 साटों पर सीत हासिल करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि,इस बार बंगाल मे 42 की 42 सीटों पर तृणमूल की जीत होगी। उन्होने विरोधियों द्वारा उनको बाहरी बताए जाने पर कहा 22 मार्च 1912 में अंग्रेजों ने बिहार, बंगाल और उड़ीसा को अलग कर दिया उससे पहले तो सब एक था।