Kerala BJP: केरल भाजपा के प्रमुख के सुरेंद्रन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी के बाद और भी नेता भगवा पार्टी को ज्वॉइन करेंगे। जनवरी में कांग्रेस छोड़ने वाले अनिल एंटनी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। उनके शामिल होने के समय सुरेंद्रन और पार्टी के वरिष्ठ नेता तरुण चुघ और अनिल बलूनी भी मौजूद थे।
गुरुवार को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सुरेंद्रन से सवाल पूछा गया कि क्या अनिल एंथोनी के शामिल होने से दक्षिणी राज्य में बीजेपी की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा और ईसाई मतदाताओं के बीच पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ेगी? सुरेंद्रन ने जवाब दिया कि एके एंटनी वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, जिन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। आज उनके बेटे अनिल एंटनी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। जल्द ही और कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल होंगे।
सुरेंद्रन बोले- हम कांग्रेस और वामपंथी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं
केरल भाजपा चीफ ने कहा कि अनिल एंटनी भाजपा में शामिल होने वाले कई विपक्षी नेताओं में से एक हैं। यहां तक कि विपक्षी खेमे के विद्वान और उच्च शिक्षित नेता भी अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हम कांग्रेस और वामपंथियों के कई अन्य नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा, “पिछली बार केरल में हमारा वोट शेयर ज्यादा नहीं था। हालांकि, इस बार हम ईसाई वोटों का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने की उम्मीद है क्योंकि ईसाई समुदाय ने प्रदर्शित किया है कि उसे मोदी जी के काम में पूरा विश्वास है।”
9 अप्रैल से केरल में चलाएंगे ‘हैप्पी ईस्टर, घर घर चलो’ अभियान
सुरेंद्रन ने कहा कि हम राज्य में कई अभियान चला रहे हैं। ‘हैप्पी ईस्टर घर घर चलो’ अभियान 9 अप्रैल से पूरे राज्य में चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान, हम ईसाइयों को भाजपा से जोड़ने का प्रयास करेंगे, जिसका हमारे वोट शेयर पर काफी प्रभाव पड़ेगा।”
कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बयान पर कि वे अपने बेटे के भाजपा में शामिल होने से दुखी थे, सुरेंद्रन ने कहा कि एके एंटनी छह दशकों से कांग्रेस के साथ हैं और अगर उनका बेटा भाजपा में शामिल होता है तो उन्हें बुरा लगना स्वाभाविक है। उधर, अनिल एंटनी ने भाजपा में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। इस घटनाक्रम को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केरल में कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।