Karnataka Waqf board faces scrutiny: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के बाद पूरे देश में वक्फ जमीनों के दस्तावेजों की जांच हो रही है। इस बीच कर्नाटक से खबर है कि सरकार के इस कदम से राज्य में वक्फ बोर्ड की 60 हजार प्रोपर्टीज की छानबीन की जा रही है, उनके दस्तावेजों का पता लगाया जा रहा है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बिल का विरोध किया है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का किया जा रहा विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते हफ्ते इस नए बिल के आने के बाद देशभर में ये चर्चा है कि क्या ये विधेयक संपत्ति के स्वामित्व में पारदर्शिता बढ़ाएगा या मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा। फिलहाल कुछ लोग इसे केंद्र सरकार का जमीन माफियाओं के खिलाफ सही कदम बता रहें हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में हैं। सोशल मीडिया पर इस पर बहस छिड़ी हुई है।
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#WaqfBoard में नए नियमों की सख्त जरूरत हैं। देश के कई इस्लामिक स्कॉलर, मुस्लिम समाज के नेता क्या मुस्लिम समाज के लोग यह खुलेआम कह चुके है। #WaqfBoardAmendmentBill से किसी मुस्लिम को कोई नुकसान नहीं है। बल्कि उनकी संपत्ति उनकी ही रहे और कोई जबरन उनकी संपत्ति को अपना बता कर कब्जा न…
— Advocate Vivek Singh (@advvivek_singh) August 12, 2024
अल्पसंख्यक विरोधी होने का प्रमाण है
कर्नाटक में केंद्र सरकार के इस नए बिल का विरोध हो रहा है। इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल बीजेपी सरकार के अल्पसंख्यक विरोधी होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि एनडीए धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं ये नया बिल सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। उनका कहना था कि चूंकि विपक्ष देश को बीजेपी की सच्चाई कि वे सांप्रदायिक, जातिवादी हैं बता रहा है इसलिए वह ऐसा कर रही है।
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की फोपर्टी
इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दक्षिण कन्नड़ समेत कर्नाटक में कुल 62,830 वक्फ अचल संपत्तियां पंजीकृत की गई हैं। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में कुल 32,844 संपत्तियों को WAMASI पोर्टल पर डिजिटल किया गया है। बता दें अब तक देश में कुल 8,72,320 अचल संपत्तियों का पंजीकरण किया जा चुका है। देश में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश में 2,17,161 (सुन्नी) और 15,386 (शिया) दर्ज की गई हैं।
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