Karnataka Crime News: फाइनेंसर विश्वनाथ राय की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 13 साल बाद सुलझा ली है। कर्नाटक के कन्नड़ जिले के पुत्तुर शहर में पुलिस हत्या को संदिग्ध मानकर चल रही थी। पुलिस ने मामले को अनसॉल्व केस की लिस्ट में डाल दिया था। लेकिन 13 साल बाद एक क्रिकेट मुकाबले में भाग लेने वाले कांस्टेबल को सुराग मिला। इसी सुराग के सहारे वह तमिलनाडु में पहचान छिपाकर रह रहे कातिल तक पहुंच गया। फाइनेंसर विश्वनाथ राय की पत्नी मल्लिका राय ने 9 जून 2001 को अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत दी थी।
उन्होंने कहा था कि पति से 7 जून को बात हुई है। जब बात हुई, तब वे उप्पिनंगडी में अपनी फाइनेंस फर्म शिवा फाइनेंस के मैनेजर विश्वनाथ शेट्टी के साथ मौजूद थे। दोबारा फोन किया तो शेट्टी ने उठाया था। कहा कि वे लोग तालापडी में है। पति को फोन देने के लिए कहा तो फोन काट दिया था।
पत्नी ने की थी गुमशुदा पति के शव की पहचान
बाद में पुलिस को उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर में एक डेडबॉडी मिली थी। जिस पर कपड़े का ‘सिंदु पुत्तूर 21376’ लिखा टैग मिला था। मल्लिका ने इसे अपने पति का शव बताया था। जब पुलिस ने शेट्टी की पत्नी से संपर्क किया तो पता लगा कि उसका एक दोस्त कुवैत से आया है। वह मंगलुरु जा रहा है। पुलिस को शेट्टी की कार मंगलुरु में कादरी पार्क के पास मिल गई थी। लेकिन शेट्टी का पता नहीं लगा था। पुलिस को जांच में पता लगा कि हत्या के दिन लेन-देन को लेकर शेट्टी और राय में बहस हुई थी। शेट्टी उप्पिनंगडी से शराब की दुकान से दो बीयर की बोतलें खरीदकर लाया था। मौके पर दोनों के अलावा सुभाष चंद्रा नाम का एक कर्मचारी भी मौजूद था।
चंद्रा ने खुलासा किया था कि शेट्टी ने राय की रॉड मारकर हत्या की है। जिसके बाद शव को कार में लेकर गया। लेकिन शेट्टी का कोई सुराग पुलिस को नहीं लगा। इसके बाद पुलिस के अफसर बदलते रहे और राय हत्याकांड भुला दिया गया। सितंबर 2012 में सुरेश कुमार पी को चार्ज मिला। जिनको तत्कालीन एसपी एसडी शरणप्पा ने पुराने मामले सुलझाने के लिए कहा था। पुलिस को पता लगा कि शेट्टी की पत्नी और बेटा पुत्तुर तालुक के कोडिमबाडी गांव में हैं। जिनसे पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की थी। जिसके बाद पुलिस ने कुछ युवा कांस्टेबलों और उनकी पत्नियों को इस मामले में मदद के लिए नियुक्त किया। शेट्टी की पत्नी कैंटीन में काम करती थी। उसके मोबाइल को ट्रैक किया गया, लेकिन कुछ नहीं मिला। शेट्टी का बेटा अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी था। जो स्थानीय ग्राउंड में खेलता था। पुलिस का एक कांस्टेबल भी क्रिकेट का शौकीन था, जिसकी उसके बेटे से बॉन्डिंग थी।
खेल-खेल में पुलिस ने हासिल कर लिया नंबर
उस कांस्टेबल से पता लगा कि शेट्टी का बेटा दो फोन रखता है। लेकिन दूसरों को एक ही नंबर देता है। खेल-खेल में शेट्टी के बेटे से वह नंबर पुलिस कांस्टेबल ने हासिल कर लिया। जिसकी जांच में एक संदिग्ध नंबर मिला। जो दो महीने में ही फोन करता था। उस नंबर से शेट्टी की पत्नी को भी कॉल आए थे। जब मोबाइल को ट्रैक किया तो यह तमिलनाडु के इरोड में एक्टिव मिला। यह एरिया कुख्यात चंदन तस्कर रहे वीरप्पन के सत्यमंगलम जंगल में पड़ता है। दो पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में भेजकर पता लगाया गया। जिसके बाद उन लोगों को पता लगा कि शेट्टी यहां छुपा हुआ है। वह शेट्टी राज के नाम से फाइनेंस कंपनी चल रहा है। जिसके बाद 6 महीने तक उस पर निगरानी रखी गई। बाद में पुलिस ने उसे दबोच लिया।