Karnataka Minister Raised Question Over origin of Hinduism: तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने के बयान पर घमासान जारी है। इस बीच कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर ही सवाल खड़े कर दिए। जी परमेश्वर मंगलवार को शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तुमकुर में थे। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता है कि हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ और किसने इसे जन्म दिया।
हिंदू धर्म के उद्भव की कोई जानकारी नहीं
जी परमेश्वर ने कहा दुनिया के इतिहास में कई धर्मों के उद्भव की जानकारी है। लेकिन हिंदू धर्म के उद्भव की जानकारी नहीं है। इसका कब जन्म हुआ, किसने हिंदू धर्म की उत्पत्ति की। सवाल अभी भी बना हुआ है। अब तक किसी ने भी सवाल का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने अन्य धर्मों का जिक्र करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म यहीं पैदा हुआ। जैन धर्म यहीं पैदा हुआ। इस्लाम और ईसाई धर्म बाहर से इस देश में आए। लेकिन इन धर्मों का सार मानवता के लिए अच्छा है।
"कोई नहीं जानता हिंदू धर्म कहां से आया है, इस्लाम और ईसाई धर्म बाहर से आए लेकिन इन धर्मों का सार मानवता के लिए अच्छा है"
◆ कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री जी परमेश्वर का बयान
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— News24 (@news24tvchannel) September 6, 2023
रामपुर में स्टालिन और खड़गे के खिलाफ केस दर्ज
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया, कोरोना जैसी बीमारियों से की थी। यह भी कहा था कि सनातन धर्म का खात्मा कर देना चाहिए। उनके इस बयान को पूरे देश में गुस्सा है। इस बीच रामपुर में स्टालिन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। केस में कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे का भी नाम शामिल है।
दो वकीलों ने दर्ज कराया केस
रामपुर में दो वकीलों की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। वकीलों का कहना है कि स्टालिन के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। दरअसल, उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद प्रियांक खड़गे ने कहा था कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है वह धर्म नहीं एक बीमारी है।
स्टालिन ने माफी मांगने से किया इंकार
उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि उन्होंने उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े लोगों की बात की थी। उन लोगों की बात की थी जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं।
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