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तलाक के मौके पर भी ‘ब्रांडेड लिस्ट’ लेकर पहुंच गई महिला, पति से हर महीने मांगे 6 लाख; जज ने दिया ये जवाब

Karnataka News in Hindi: कर्नाटक हाई कोर्ट के अजीब मामले के बारे में बता रहे हैं। यहां पर एक पत्नी और पति के बीच तलाक केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भरण पोषण को लेकर महिला ने अजीब तरह की डिमांड कर डाली। आपको पूरी बात विस्तार से बता रहे हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 21, 2024 22:57
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Karnataka High Court

Karnataka News: कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले की सुनवाई के दौरान महिला ने अपने पति से भरण पोषण भत्ते के तौर पर अजीब डिमांड कर डाली। पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला चल रहा है। महिला ने अपने पति से हर महीने 6 लाख 16 हजार 300 रुपये की डिमांड की। इतनी बड़ी मेटेनेंस रकम सुनकर तो जज भी हैरान रह गईं। जज ने साफ तौर पर कहा कि यह बर्दाश्त के बाहर है। इतनी रकम कोई खर्च कर सकता है क्या? यह शोषण है। जज ने वकील से कहा कि इतना पैसा चाहिए तो खुद उन्हें कमाने के लिए कहें। जज की टिप्पणी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिस पर यूजर्स कमेंट कर रहे हैं।

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महिला जज ने ऐसी डिमांड करने पर वकील और पत्नी को जमकर फटकार लगाई। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जज से 6 लाख रुपये मासिक भत्ते की डिमांड वकील कर रहे हैं। वकील कह रहे हैं कि महिला को ब्रांडेड कपड़ों और महंगी चीजों का शौक है। जिसके बाद जज कहती हैं कि अगर ऐसे ही शौक रखने हैं तो खुद पैसा कमाना चाहिए। जज हैरानी जताती हैं कि इतना पैसा कौन हर महीने खर्च करता है? जज महिला के वकील से सवाल करती हैं कि क्या आपको नहीं लगता कि आप नियमों का गलत फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं? महिला के वकील की डिमांड सुनकर पति के वकील इस पर आपत्ति जताते हैं। वे कहते हैं कि ये उत्पीड़न है।

अगली बार…नहीं तो याचिका होगी खारिज

लोग वीडियो पर कमेंट कर जज की तारीफ कर रहे हैं। पत्नी के वकील महिला के शौक की पूरी लिस्ट कोर्ट में लेकर आए थे। महिला के घुटने के दर्द, मेकअप, ब्रांडेड कपड़े और जूतों आदि का पूरा हिसाब-किताब लिस्ट में था। लिस्ट के हिसाब से महिला अपनी फिजियोथेरेपी पर हर महीने 4-5 लाख रुपये खर्च करेगी। 15 हजार के जूते, कपड़े, खाने के ऊपर 60 हजार रुपये की डिमांड की गई थी। इस तरह लिस्ट के हिसाब से हर महीने 616300 रुपये मांगे गए थे। जिसके बाद महिला जज ने चेतावनी दी कि अगली बार सही आंकड़े पेश किए जाएं। नहीं तो याचिका को खारिज कर दिया जाएगा।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 21, 2024 10:57 PM

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