Girls can wear hijab at exam in karnataka: बीते दिनों देश में हिजाब जैसे मुद्दे को लेकर काफी तनाव हुआ था और इसी मुद्दे के सहारे देश भर के राजनीतिक गलियारे में गर्मागर्मी देखने को मिली थी। कुछ महिनों तक शांत रहे इस मुद्दे को लेकर अब एक बार फिर सियासी घमासान होने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसा हम इस लिए कह रहे क्योंकि कर्नाटक सरकार की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाली छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाज़त दे दी गई है, कर्नाटक सरकार की ओर से इस ऐलान के बाद जल्द ही एक बार फिर ये मुद्दा चर्चाओं में आ सकता है।
प्रगति समीक्षा बैठक में लिया गया फैसला, शिक्षा मंत्री ने दिया समर्थन
आपको बताते चलें कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर के नेतृत्व में प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक के दौरान ही छात्राओं को परीक्षा के समय हिजाब पहनने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने के फैसले का पूरा समर्थन किया और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यहां लोग अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पहनने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं।
स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला :शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर
इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर से जब पत्रकारों की ओर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लोग हिजाब पहनकर परीक्षा देने से जुड़े इस फैसले को लेकर विवाद शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके आग उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी मामले को लेकर उन्होंने आगे कहा कि मेरी ओर से सभी की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है।
2022 में छिड़ा था हिजाब का मुद्दा, दुनिया भर से आई थीं प्रतिक्रियाएं
आपको बताते चलें कि हिजाब से जुड़ा विवाद साल 2022 के जनवरी माह में चर्चा में आया था। उस दौरान कर्नाटक के उडुपी स्थित सरकारी पीयू कॉलेज से कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली 6 लड़कियों को एंट्री से रोक दिया गया था, जिससे नाराज होकर लड़कियों ने उसी कॉलेज के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। देखते ही देखते इस विरोध प्रदर्शन की आग राज्य के दूसरे हिस्सों में भी फैल गई और इसी के बाद कर्नाटक में कई स्थानों पर भारी विरोध प्रदर्शन और आंदोलन देखने को मिले। इतना ही नहीं, इस मुद्दे को लेकर शुरू हुआ विवाद देश के बाहर भी गया, जिसके चलते दुनिया भर से इस मामले पर प्रतिक्रियाएं सामने आईं थीं।