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‘भगवान भी रातोंरात बेंगलुरु को नहीं बदल सकते’, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने क्यों कहा ऐसा?

D K Shivakumar on Bengaluru: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में तेजी से बढ़ती शहरीकरण की समस्याओं की स्वीकार किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हालात इतने गंभीर हैं कि भगवान भी आ जाएं तो अगले 2-3 साल में कोई बड़ा बदलाव संभव नहीं है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Feb 20, 2025 21:44
Karnataka Deputy Chief Minister D K Shivakumar
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार।

Karnataka Deputy CM D K Shivakumar on Bengaluru: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि भगवान भी रातोंरात बेंगलुरु को नहीं बदल पाएंगे। उन्होंने शहरी चुनौतियों और बुनियादी ढांचे के मुद्दों से निपटने के लिए योजना बनाने की जरूरत पर जोर दिया। डीके शिवकुमार ने तेजी से हो रहे शहरीकरण की वजह से बेंगलुरु में उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि भगवान भी इसमें तुरंत परिवर्तन नहीं ला सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर भगवान भी स्वर्ग से उतरकर बेंगलुरु की सड़कों पर चले आएं तो भी एक-दो या तीन साल में कुछ नहीं बदलेगा। स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है।’ डिप्टी CM ने आगे कहा कि हमें सही तरीके से योजना बनाने और परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है। हम आने वाले वक्त के लिए एक बेहतर कॉरिडोर विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या कहा डिप्टी सीएम ने?

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike) के केंद्रीय कार्यालय में ‘नम्मा रास्ते-डिजाइन कार्यशाला’ के उद्घाटन और ट्रैफिक लेबोरेटरी के शुभारंभ पर बोलते हुए शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु को रातोंरात बदलना असंभव है। अगर भगवान भी धरती पर उतर आएं तो भी यह संभव नहीं होगा। हालांकि, अगर हम उचित योजनाएं बनाते हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करते हैं तो बदलाव संभव है।’ शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि सड़कों, पैदल यात्रियों के लिए रास्ते और हरित क्षेत्रों सहित शहरी बुनियादी ढांचे के सभी पहलुओं में एकरूपता (Uniformity), गुणवत्ता (Quality) और अनुशासन (Discipline) बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी बस स्टॉप, मेट्रो के पिलर्स और ट्रैफिक जंक्शंस के लिए स्टैंडर्डाइज्ड डिजाइन स्थापित करना है, जिससे पूरे शहर में एकरूपता सुनिश्चित हो सके।

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क्या है नम्मा रास्ते 2025?

उन्होंने वर्कशॉप में ‘नम्मा रास्ते-डिजाइन कार्यशाला’ की हैंडबुक पेश की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे वृक्षारोपण, स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था, पैदल यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे और यातायात अनुशासन पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। नम्मा रास्ते-2025 के तहत 20, 21 और 22 फरवरी को वर्कशॉप, विभिन्न परिवहन प्रणालियों की प्रदर्शनियां और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम को एक ही छत के नीचे कई विभागों के कोऑर्डिनेशन से सड़कों, फुटपाथों के विकास और बढ़ते यातायात को कंट्रोल करने के समाधान खोजने के लिए तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम में अनेकों मोबिलिटी एस्पेक्ट्स को हाइलाइट किया जाएगा। जिसमें पैदल चलने की क्षमता (walkability), गैर-मोटर चालित परिवहन (Non Motorised Transport) और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। इस कार्यक्रम में यह दिखाया जाएगा कि किस प्रकार मजबूत डेटा बेहतर शहरी प्लानिंग की जानकारी दे सकता है।

विपक्ष ने की तीखी आलोचना

वहीं, विपक्ष के नेता आर अशोक ने डीके शिवकुमार के बयान की तीखी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में सूबे की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार में विकास कार्यों के लिए पैसे नहीं होने की बात स्वीकार करने के बाद बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार अब कहते हैं कि अगर भगवान भी आ जाएं तो भी अगले 2-3 साल तक बेंगलुरु नहीं बदल सकता। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को डीके शिवकुमार या उनकी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को कर्नाटक और बेंगलुरु के लिए अभिशाप बताया और दावा किया कि लोग ‘निराशाजनक’ कांग्रेस सरकार को हटाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 20, 2025 09:42 PM

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