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Kargil Vijay Diwas: कोई 15 गोली लगने पर भी डटा रहा, किसी ने पहले ही लौटा दी मंगेतर को अंगूठी, वीरों के बलिदान की कहानियां

Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। मगर इस विजय के पीछे कितने ऐसे हीरो हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी और अपने लोगों को पीछे छोड़ते हुए अपने देश के लिए बलिदान दे दिया। आज ऐसे ही वीरों की कहानियां बताएंगे, जो देश के लिए अपनी जान पर खेल गए।

Author Written By: Shabnaz Author Published By : Shabnaz Updated: Jul 26, 2025 05:58
Kargil Vijay Diwas
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Kargil Vijay Diwas: जब दो देशों में जंग होती है तो उसमें से किसी एक की हार और किसी एक की जीत होती है। देश की जीत के पीछे बहुत से सैनिकों और उनके परिवार का बलिदान शामिल होता है। कारगिल की जंग में 527 सैनिक शहीद हुए। इनकी शहादत के बाद उनसे जुड़ी कई कहानियां सामने आईं। किसी मां ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना पति। वहीं, एक वीर जवान ऐसा भी था, जो जंग में जाने से पहले अपनी मंगेतर से रिश्ता तोड़ते हुए अंगूठी लौटा गया था। एक जवान ऐसा भी है, जिसको 15 गोलियां लगीं, लेकिन फिर भी उन्होंने दुश्मनों को मार गिराया। ऐसे ही वीर जवानों की कुछ कहानियां यहां पढ़िए।

15 गोलियां लगीं लेकिन दुश्मन की गर्दन उड़ा दी

ये बोल हैं परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव के। ये वही योगेंद्र सिंह यादव हैं, जो मात्र 19 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे। भर्ती होते ही उनको जंग पर जाना पड़ा। योगेंद्र यादव ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए जंग के दौरान क्या-क्या हुआ इसकी जानकारी दी थी। उनका कहना था कि जब वह अपने साथियों के साथ टाइगर हिल पर पहुंचे तो दुश्मनों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इसमें उनके 6 साथी शहीद हो गए। योगेंद्र यादव को भी उस समय 15 गोलियां लगी थीं। वह बताते हैं कि दुश्मन को लगा कि हम सभी की जान जा चुकी है, तो वह जश्न मना रहे थे।

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पाकिस्तान के सैनिकों को ये नहीं पता था कि योगेंद्र सिंह यादव में अभी भी जान बाकी थी। वह बताते हैं कि मेरे पास एक हैंड ग्रेनेड था, जिसे हिम्मत करके मैंने पाकिस्तान के सैनिक के ऊपर फेंक दिया। वह ग्रेनेड उस सैनिक के कोट में चला गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता ग्रेनेड फट गया और उनके चिथड़े उड़ गए।

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शहीद कैप्टन अनुज नय्यर के दिल में क्या था?

सैकड़ों शहीदों में से एक शहीद कैप्टन अनुज नय्यर भी शामिल थे। उनके परिवार वाले बताते हैं कि वह नियम से घर वालों के लिए चिट्ठियां लिखा करते थे। उनके लेटर्स में पाकिस्तानी घुसपैठ को लेकर अक्सर गुस्सा देखा जाता था। शहीद कैप्टन की मां ने एक न्यूज चैनल को बताया कि उनका बेटा जब मिशन के लिए घर से निकला तब वह अपना सब सामान छोड़ गया था। वहीं, अनुज नय्यर के कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि ‘जब वह जंग के लिए निकले थे, तब उन्होंने मुझे अपनी इंगेजमेंट रिंग दे दी थी।’

उन्होंने बताया कि मैंने उनको कहा कि इसको पहन के जाओ, इससे लड़ने की ताकत मिलेगी। ज्यादा जोश के साथ लड़ना, लेकिन अनुज नय्यर इसके लिए तैयार नहीं हुए।’ उन्होंने कहा था कि मैं ये नहीं चाहता कि ये अंगूठी दुश्मन के पास पहुंच जाए। इसके अलावा, अनुज की ख्वाहिश थी कि अगर वो वापस नहीं आए तो यह अंगूठी उनकी उनकी मंगेतर तक पहुंचा दी जाए।

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First published on: Jul 26, 2025 05:58 AM

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