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जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रकिया शुरू, विपक्ष का साथ क्यों चाहती है सरकार?

Lok Sabha impeachment proposal: जस्टिस यशवंत वर्मा को सरकार 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में ही हटाना चाहती है। इसको लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सबसे पहले लोकसभा में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 14, 2025 13:24
Justice Yashwant Varma impeachment
जस्टिस यशवंत वर्मा (Pic Credit-Social Media X)

Justice Yashwant Varma impeachment: केंद्र सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिए महाभियोग की औपचारिक प्रकिया शुरू कर दी है। इसको लेकर अब केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू विपक्ष के नेताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने बीजेपी कोटे के सभी सांसदो के हस्ताक्षर हासिल कर लिए हैं। लोकसभा में प्रस्ताव को पेश करने के लिए 100 सांसदों के हस्ताक्षर होने जरूरी है। ऐसे में फिलहाल विपक्षी नेताओं के कोटे के हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूर्ण करवाई जा रही है। बता दें कि जज वर्मा के महाभियोग से जुड़ा प्रस्ताव पहले लोकसभा में पेश किया जाएगा।

विपक्ष का साथ क्यों चाहती है सरकार?

सरकार की पूरी कोशिश है कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में यह प्रस्ताव लाया जाए। सरकार इसी सत्र में जस्टिस वर्मा को पद से हटना चाहती है। वहीं एनडीए के सहयोगी दल भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं। सरकार चाहती है कि यह कदम उसका ना लगे इसके लिए संसद के सामूहिक प्रयास सामने आए। इसलिए केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं। किसी भी जज को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत प्रस्ताव पास होना जरूरी है।

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आग लगने के बाद खुला था राज

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर इस साल होली के दिन आग लग गई थी। आग बुझाने के बाद फायर बिग्रेड ने स्टोर रूम में नकदी जलने की बात कही थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया था। घटना के वक्त जज वर्मा की मां और बेटी ही घर पर थे। मामले में सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच कमेटी ने जज वर्मा को दोषी पाया था। इसके बाद कोर्ट ने जांच रिपोर्ट सरकार को भेज दी थी। मामले में अब सरकार महाभियोग की प्रक्रिया के जरिए जज को हटाने की तैयारी कर रही है।

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महाभियोग प्रस्ताव क्या है?

हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने के लिए सरकार महाभियोग का प्रस्ताव ला सकती है। इसके लिए संसद के किसी भी सदन में प्रस्ताव लाया जा सकता है। प्रस्ताव लाने के लिए प्रस्ताव पर लोकसभा के 100 सदस्यों और राज्यसभा के 50 सदस्यों के हस्ताक्षर होना जरूरी है। प्रस्ताव दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी है। प्रस्ताव के पारित होने के बाद एक कमेटी बनती है। जिसमें सीजेआई, किसी एक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक कानूनी विशेषज्ञ होता है। यह कमेटी जांच के आधार पर संबंधित जज को हटाने के लिए सिफारिश करती है। इसके बाद जिस दिन प्रस्ताव पर वोटिंग हो जाती है यानी निर्णय के बाद से ही जज पद से विमुक्त हो जाता है।

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First published on: Jul 14, 2025 12:54 PM

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