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कौन हैं शमाइल नदवी? जावेद अख्तर संग ईश्वर पर बहस के बाद अब सुर्खियों में, जानें सब कुछ

गीतकार जावेद अख्तर और मौलाना मुफ्ती शमाइल नदवी के बीच एक यूट्यूब चैनल पर हुए डिबेट की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है. इस डिबेट में बहस का मुद्दा था ईश्वर के अस्तित्व क्या है? जिसमें गीतकार जावेद अख्तर और एक युवा इस्लामिक स्कॉलर के बीच तीखी बहस हुई. इस दौरान जावेद अख्तर को मुफ्ती शमाइल ने तर्क दिया कि यदि कोई घड़ी बिना बनाने वाले के नहीं बन सकती है. तो ये इतनी जटिल कायनात बिना किसी रचयिता के कैसे अस्तित्व में आ सकती है?

Author Written By: Versha Singh Updated: Dec 22, 2025 16:07

गीतकार जावेद अख्तर और मौलाना मुफ्ती शमाइल नदवी के बीच एक यूट्यूब चैनल पर हुए डिबेट की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है. इस डिबेट में बहस का मुद्दा था ईश्वर के अस्तित्व क्या है? जिसमें गीतकार जावेद अख्तर और एक युवा इस्लामिक स्कॉलर के बीच तीखी बहस हुई. इस दौरान जावेद अख्तर को मुफ्ती शमाइल ने तर्क दिया कि यदि कोई घड़ी बिना बनाने वाले के नहीं बन सकती है. तो ये इतनी जटिल कायनात बिना किसी रचयिता के कैसे अस्तित्व में आ सकती है?

जावेद अख्तर और इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल के बीच हुई बहस के बाद अब सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है. वहीं, हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल नदवी कौन हैं?

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कौन हैं मुफ्ती शमाइल नदवी?

इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल नदवी का पूरा नाम शमाइल अहमद अब्दुल्ला है. उनके पिता का नाम मौलाना अबु सईद है, जो कोलकाता के एक बड़े इस्लामिक स्कॉलर हैं. मुफ्ती शमाइल का जन्म 7 जून 1998 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा बंगाल में हुई.

बता दें कि मुफ्ती शमाइल नदवी का जन्म एक इस्लामिक धार्मिक परिवार में हुआ जिसके चलते बचपन से ही उनका झुकाव धर्म और दर्शन की ओर रहा और अपने पिता के मार्गदर्शन में उन्होंने शुरुआती इस्लामिक शिक्षा प्राप्त की.

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2014 में लिया इस्लामिक शिक्षा संस्थान में दाखिला

मिली जानकारी के अनुसार, शमाइल मुफ्ती ने कोलकाता में कुरान की बेसिक शिक्षा हासिल की और फिर साल 2014 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित इस्लामिक शिक्षा संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलेमा में दाखिला लिया था. वहीं, इस संस्थान में शमाइल ने 6 साल पढ़ाई की और डिग्री हासिल की.

फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं मुफ्ती

मुफ्ती शमाइल नदवी मरकज-अल-वहयैन नाम की एक ऑनलाइन संस्थान के संस्थापक और प्रधानाचार्य हैं. बता दें कि साल 2024 में मुफ्ती ने इस फाउंडेशन की स्थापना की थी. ये फाउंडेशन एक धार्मिक ट्रस्ट है जिसके माध्यम से नदवी इस्लामिक शिक्षा और समाजसेवा का भी काम करते हैं. उनकी यह फाउंडेशन अरबी भाषा और इस्लामिक शिक्षा जिसमें कुरान, हदीस और अन्य के ऑफलाइन पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं.

मलेशिया से पीएचडी कर रहे शमाइल

वहीं, इस्लामिक शिक्षा संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलेमा से इस्लामिक शरियत की शिक्षा प्राप्त करने के बाद मुफ्ती शमाइल नदवी ने आगे की पढ़ाई के लिए मलेशिया का रुख किया. वे मलेशिया से इस्लामिक शिक्षा पर पीएचडी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- भारत-न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का ऐलान, इन्वेस्ट किए जाएंगे 20 अरब अमेरिकी डॉलर

वक्ता और धर्मगुरु भी हैं शमाइल नदवी

शमाइल नदवी एक इस्लामिक स्कॉलर और लोकप्रिय वक्ता हैं, जो यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्लामी शिक्षा का प्रचार भी करते हैं. अपने प्रचार में नदवी नास्तिकता, विज्ञान और इस्लाम जैसे विषयों पर चर्चा करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम युवाओं के बीच मुफ्ती की अच्छी पकड़ है. वहीं, मुफ्ती धार्मिक मुद्दों पर अपनी राय बिल्कुल बेबाकी से देते हैं और आधुनिक समाज और आस्ता के टकराव और इस्लाम से जुड़े विवादित मुद्दों पर अपनी बात रखने के चलते वह इस समय सुर्खियों में हैं.

First published on: Dec 22, 2025 04:07 PM

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