Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। पहाड़ों की ऊंची चोटियों के बीच स्थित क्वाथ गांव में 4 लोगों की बुरी तरह से पिटाई कर दी गई। इस गांव के लोगों का भारतीय सेना से अच्छा कनेक्शन है। सेना के जवान अक्सर गांव के लोगों को पूछताछ के लिए बुलाते हैं। इसी कड़ी में 20 नवंबर को गांव के 4 लोगों का फोन बजा। उन्हें चास स्थित सेना के शिविर में बुलाया गया। चारों लोग बिना किसी हिचकिचाहट के वहां जा पहुंचे।
शिविर के बाहर बेसुध मिले पीड़ित
शाम तक जब सभी वापस नहीं पहुंचे, तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। चास सेना शिविर के बाहर चारों बेसुध हालत में मिले। वो न हिल सकते थे और न ही बोल सकते थे। चास से क्वाथ गांव 1 घंटे की दूरी पर था और वहां से मेन रोड पर जाने में डेढ़ घंटे लगते हैं। गांव के लोगों ने एक-एक करके चारों को कंधे पर उठाया और सड़क की तरफ दौड़े।
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चारों को बेरहमी से पीटा
ग्रामीणों की मानें तो चारों पीड़ितों को बेहद बेरहमी के साथ पीटा गया था। उनके हाथ, पैर, पेट, पीठ और यहां तक की आंख में भी गहरी चोटे आईं। दरिंदगी इस कदर की कुछ लोगों ने तो खून की उल्टी तक कर दी थी। अब सवाल यह है कि चारों पीड़ितों की यह हालत आखिर किसने और क्यों की?
आतंकवादियों से जुड़ा मामला
इस घटना के तार आतंकवादियों से जुड़ते नजर आ रहे है। भारतीय सेना की 16 कोर के एक अधिकारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि खुफिया जानकारी के आधार पर किश्तवाड़ सेक्टर में आतंकवादियों के एक समूह की तलाश की जा रही है। 20 नवंबर को ऑपरेशन शुरू हुआ। ऑपरेशन के दौरान नागरिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार की खबर मिल रही है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों पर बनाया दबाव
गांव में रहने वाले एक शख्स दाऊद अहमद का कहना है कि पीड़ितों को किश्तवाड़ अस्पताल ले जाते समय उन्हें कई बार रास्ते में रोका गया। उन पर किसी से कुछ न कहने का दबाव बनाया। कई जवानों ने पीड़ितों को सेना के अस्पताल में भर्ती करने का सुझाव दिया, लेकिन बेहतर इलाज के लिए गांव वालों ने पीड़ितों को किश्तवाड़ अस्पताल ले जाना ही ठीक समझा।
ग्रामीण ने किया दावा
दाऊद का दावा है कि चास शिविर में कुछ लोगों ने चारों पीड़ितों को बुरी तरह से पीटा। जवानों का आरोप था कि हमारे गांव की मस्जिद में आतंकियों ने नमाज पढ़ी थी। ऐसे में अगर आतंकी गांव में थे, तो हमने उसके बारे में सेना को क्यों नहीं बताया? इसी की पूछताछ में सेना के कुछ जवानों ने चारों को बेरहमी से पीटा और उन्हें शिविर के बाहर छोड़ दिया।
जांच में जुटे अधिकारी
हालांकि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच की जा रही है। चारों पीड़ितों का इलाज चल रहा है। सेना के अधिकारियों ने मामले की जांच करके आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
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