G20 Summit: जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर सोमवार को तीसरी G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक की मेजबानी करने के लिए तैयार है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद ये पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है।
22-24 मई तक, तीन दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन के लिए आयोजन स्थल और आसपास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और MARCOS कमांडो को आयोजन स्थल के चारों ओर तैनात किया जा रहा है। किसी भी आतंकी घटना को रोकने के लिए सुरक्षा कवच देने के लिए कई जगहों पर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को तैनात किया गया है।
श्रीनगर में सार्वजनिक आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं
कश्मीर के लोग श्रीनगर में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन का स्वागत करने के लिए भी तैयार हैं। प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए श्रीनगर शहर की दीवारों और सड़कों को सजाया गया है। श्रीनगर में सार्वजनिक आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जी-20 शिखर सम्मेलन के अतिथि के स्वागत के लिए सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि G20 शिखर सम्मेलन सभी क्षेत्रों में जम्मू और कश्मीर के विकास को बढ़ावा देगा। खासकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोगों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
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पाकिस्तान ने जी20 बैठक का जताया है विरोध
पाकिस्तान ने कश्मीर में G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप सम्मेलन आयोजित करने के नई दिल्ली के इरादे पर बार-बार असंतोष दिखाया है। पाकिस्तान ने हाल ही में श्रीनगर और कश्मीर के कुछ हिस्सों में जी20 बैठक की मेजबानी करने के भारत के फैसले को एक गैर जिम्मेदाराना कदम बताया था।
उधर, पाकिस्तान की आलोचना को खारिज करते हुए भारत ने कहा था कि जी20 बैठकें पूरे देश में आयोजित की जा रही हैं और इसलिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है क्योंकि ये भारत के अविभाज्य हिस्से हैं।