Anantnag News: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने सेना के एक जवान को अगवा कर लिया था। जवान का शव अनंतनाग के जंगल से बरामद किया गया है। सूत्रों के अनुसार जवान के शरीर पर गोलियों के निशान मिले हैं। वहीं, जवान को कई जगह चाकू से गोदा गया है। जिससे लग रहा है कि जवान की हत्या बर्बरतापूर्वक तरीके से की गई है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार टेरिटोरियल आर्मी की 161 यूनिट के जवान को आतंकियों ने अगवा किया था। जिस जवान की बॉडी मिली है, उनका नाम हिलाल अहमद भट बताया जा रहा है। हिलाल मूल रूप से अनंतनाग के मुखधामपोरा नौगाम के रहने वाले थे।
यह भी पढ़ें:लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने BJP विधायक को किसने मारा थप्पड़? वीडियो वायरल
बुधवार सुबह जवान का शव मिलने की पुष्टि एएनआई ने की है। अनंतनाग के जंगल से आतंकियों ने दो जवानों को अगवा किया था। लेकिन एक जवान आतंकियों के चंगुल से भागने में कामयाब रहा। सुरक्षा बलों ने साथी जवान की तलाश में अभियान शुरू किया था। श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने जवान की हत्या की पुष्टि की है। कोर की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बाबत एक पोस्ट अपलोड की गई है। सेना ने जानकारी दी है कि भारतीय सेना को पता लगा कि कुछ आतंकी कजवान जंगल में छिपे हैं। जिसके बाद पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था।
#UPDATE | The body of the Territorial Army jawan abducted by terrorists in the Anantnag area has been recovered with gunshot wounds. The soldier had been reported missing since yesterday and search operations were on by the security forces there: Sources https://t.co/H0JmOX8jUX
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 9, 2024
5 अक्टूबर को ढेर हुए थे दो आतंकी
इस दौरान टेरिटोरियल आर्मी के जवान अगवा किए गए थे। एक जवान बच गया, लेकिन आतंकियों ने दूसरे का मर्डर कर दिया। सुरक्षाबल हिलाल के लापता होने के बाद उनकी तलाश में जुटे थे। बताया जा रहा है कि हिलाल की फैमिली में उनकी पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता हैं। सेना के अनुसार कुछ दिन पहले बॉर्डर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में भी 5 अक्टूबर दो आतंकी सेना ने ढेर किए थे। आतंकियों के कब्जे से भारी संख्या में गोला बारूद मिला था।
यह भी पढ़ें:देवीलाल के पोते हारे, भजनलाल का गढ़ ढहा… हरियाणा चुनाव में बड़े सियासी परिवारों का कैसा रहा हाल?