Congress Rajya Sabha MP Dheeraj Sahu: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू इन दिनों चर्चा में हैं। आयकर विभाग की टीम की तीन राज्यों- ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में की गई छापेमारी में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई। इन नोटों की गिनती करने में आईटी टीम को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। अब इस पूरे मामले पर आईटी का बयान सामने आया है।
आईटी टीम ने छह दिसंबर को की छापेमारी
आयकर विभाग ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि आईटी की टीम ने छह दिसंबर 2023 को एक समूह पर छापेमारी की और जब्ती अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों के 10 जिलों में फैले 30 से अधिक परिसरों को कवर किया गया। यह समूह देशी शराब के निर्माण और बिक्री, विदेशी शराब की बॉटलिंग, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाने के व्यवसाय में लगा हुआ है।
आईटी के मुताबिक, इस समूह का पूरा व्यवसाय झारखंड की राजधानी रांची में रह रहे एक परिवार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस परिवार का एक सदस्य राजनेता भी है। सर्च ऑपरेशन के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य पाए गए, जिन्हें जब्त कर लिया गया। इन सबूतों के शुरुआती विश्लेषण से देशी शराब की बेहिसाब ब्रिकी के रिकॉर्ड और बेहिसाब नकदी के आवाजादी का पता चलता है। इसके अलावा, अघोषित नकदी प्राप्तियों के विवरण का भी पता चला है।
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शराब कारोबार से मिली आय को छिपाया
समूह से जुड़े कर्मचारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि जो नकदी बरामद हुई है, वह समूह की आय ही है। इसकी पुष्टि परिवार के एक सदस्य ने भी की। सर्च ऑपरेशन के दौरान जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, उससे यह साफ है कि समूह शराब के कारोबार से मिली आय को छिपाने में लगा हुआ है।
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आयकर विभाग के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन के दौरान 351 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 2.80 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण जब्त किए गए। इनमें से 329 करोड़ रुपये को बोलांगीर और संभलपुर जिले में जीर्ण-शीर्ण इमारतों में छिपाए गए थे।