IT Raid BBC: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने मंगलवार को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापे इंटरनेशनल टैक्स चोरी के आरोप में मारे गए। आईटी टीम ने कर्मचारियों के मोबाइल-लैपटॉप सीज कर दिए। बीबीसी हेडक्वार्टर ने जांच में सहयोग करने का हवाला दिया है। दिन भर चली जांच के बाद कुछ कर्मचारियों और पत्रकारों को दफ्तर से बाहर जाने की इजाजत मिली है।
हालांकि, छापेमारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इसे इमरजेंसी कहा है। वहीं भाजपा ने बीबीसी को दुनिया का सबसे भ्रष्ट और बकवास कारपोरेशन करार दिया है।
फिलहाल, बीबीसी विवादों में पहली बार नहीं है। 70 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए बीबीसी के दफ्तर पर ताला जड़वा दिया था, जो 2 साल बाद खुला था।
आइए जानते हैं कि बीबीसी की कब स्थापना हुई? इसका खर्च कैसे चलता है? इसके मालिक कौन हैं? और हां अंत में आईटी रेड से जुड़ी सभी खास बातें…
1922 में प्राइवेट कंपनी के तौर पर हुई थी स्थापना
बीबीसी की स्थापना 18 अक्टूबर 1922 को हुई थी। तब ये एक प्राइवेट कंपनी थी। 1926 में इसे यूनाइटेड किंगडम ने सरकारी बना दिया। तभी से ये बीबीसी रॉयल चार्टर के तहत संचालित होती है। इसे दुनिया के सबसे पुराने और स्वतंत्र मीडिया हाउस के रुप में जाना जाता है।
इसके 35 हजार कर्मचारी हैं और 40 भाषाओं में खबरें प्रसारित होती हैं। बीबीसी की ब्रिटेन पार्लियामेंट के प्रति जवाबदेही है। इसके ट्रस्ट सदस्यों की ब्रिटिश क्राउन के द्वारा नियुक्ति की जाती है।
The Income Tax Authorities are currently at the BBC offices in New Delhi and Mumbai and we are fully cooperating.
We hope to have this situation resolved as soon as possible.
— BBC News Press Team (@BBCNewsPR) February 14, 2023
1940 में भारत में शुरू हुआ था प्रसारण
बीबीसी ने भारत में अपना पहला प्रसारण 11 मई 1940 को किया था। यह वो दिन था, जब विंस्टल चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। विंस्टन चर्चिल वही शख्स हैं, जिन्हें 1943 में बंगाल में भूख से हुई 30 लाख से ज्यादा मौतों का गुनहगार माना जाता है। उन पर भारत के साथ भेदभाव करने का आरोप है।
1943 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बीबीसी की टेलीविजन सेवाओं को सस्पेंड कर दिया गया था। तीन साल बाद 1946 में इसे फिर से बहाल किया गया था। 1967 में बीबीसी ने यूरोप की पहली रंगीन टेलीविजन प्रसारण की शुरुआत की थी।
संसद ग्रांट के जरिए होती है फंडिंग
बीबीसी की ज्यादातर कमाई टेलीविजन फीस से होती है। बीबीसी ब्रिटेन संसद ग्रांट के जरिए भी इसे फंडिंग की जाती है।
क्यों बीबीसी पर पड़े छापे?
बीबीसी पर आरोप है कि कंपनी ने प्राइसिंग नियमों के तहत गैर अनुपालन हस्तांतरण मूल्य निर्धारण मानदंडों का जानबूझकर लगातार उल्लंघन किया है। जानबूझकर मुनाफ की महत्वपूर्ण राशि को डायवर्ट किया है।
आईटी अधिनियम 1961 आईटी विभाग को शक्ति देता है कि वह छिपी जानकारी को जुटाने के लिए छापेमारी करे। इस अधिनियम के तहत विभाग ऑफिशियल अकाउंट्स, नकदी, स्टॉक या अन्य कीमती सामान की जांच कर सकता है और किसी भी कैंपस में छापेमारी कर सकता है।
पीएम मोदी से जुड़ा विवाद क्या है?
बीबीसी ने गुजरात दंगों पर इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम से दो पार्ट में डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। पहला एपिसोड 17 जनवरी तो दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज किया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद यूट्यूब समेत सभी प्लेटफार्म से वीडियो हटा दिए गए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 20 फरवरी को बताया कि यह बीबीसी का प्रोपेगेंडा है।
इंदिरा गांधी ने क्यों लगाया था बैन?
बात 1970 की है। तब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। फ्रांसीसी डायरेक्टर लुइस मैले ने 2 डॉक्यूमेंट्री कलकत्ता और फैंटम इंडिया जारी किया था। बीबीसी पर आरोप लगा था कि डॉक्यूमेंट्री के जरिए भारत की छवि दुनिया में नकारात्मक दिखाई गई। इंदिरा गांधी ने भारत में बीबीसी के दफ्तर पर ताला लगवा दिया था। 1972 फिर से इसकी सेवाएं बहाल हुई थी।
अब जानिए आईटी छापेमारी पर भाजपा और विपक्ष ने क्या कहा?
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीबीसी का प्रोपेगेंडा और कांग्रेस का एजेंडा एक साथ काम कर रहा है। बीबीसी का इतिहास भारत को कलंकित करने वाला रहा है। इंदिरा गांधी ने बीबीसी पर बैन लगाया था। बीबीसी ने अपनी रिर्पोटिंग के दौरान कश्मीर में आतंकवादी को करिश्माई युवा उग्रवादी बताया था।
वहीं, कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया। अब बीबीसी पर आईटी का छापा पड़ रहा है। अघोषित आपातकाल।
पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया।
अब BBC पर IT का छापा पड़ गया है।
अघोषित आपातकाल
— Congress (@INCIndia) February 14, 2023
दिग्विजय सिंह बोले- बीबीसी की क्या गलती थी?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि विश्व में पहली बार बीबीसी के 100 साल के इतिहास में उनपर इस तरह की कोई छापेमारी हुई है। उनकी गलती क्या थी, उन्होंने गुजरात के दंगों की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें सभी का पक्ष रखा गया था।
अखिलेश ने इस तरह बोला हमला
BBC पर छापे की ख़बर ‘वैचारिक आपातकाल’ की घोषणा है। @BBCIndia
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 14, 2023
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