भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि संगठन कई लक्ष्यों पर काम कर रहा है लेकिन मुख्य ध्यान गगनयान प्रोजेक्ट पर है। बता दें कि गगनयान भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष प्रोग्राम है जिसमें मानव अंतरिक्ष की यात्रा करेगा।
सोमनाथ कोलकाता में 2023 ग्लोबल एनर्जी पार्लियामेंट से इतर यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘हमारे कई लक्ष्य हैं लेकिन फिलहाल हमारा मुख्य लक्ष्य गगनयान है। इसके तहत हम एक भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने और सुरक्षित वापस लाने की तैयारी कर रहे हैं।’
गगनयान मिशन का लक्ष्य इंसान को अंतरिक्ष में भेजना और 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती के निचले ऑर्बिट में स्थापित करना है। यह तीन दिन का मिशन होगा और इसे साल 2025 में अमली जामा पहनाने की योजना है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ग्लोबल एनर्जी पार्लियामेंट का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने सोमनाथ को गवर्नर्स एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया।
2035 तक पूरा करेंगे स्पेस स्टेशन का काम
इसके साथ ही इसरो प्रमुख ने कहा कि एजेंसी की योजना साल 2028 तक भारत के स्पेस स्टेशन के पहले मॉड्यूल को तैयार करने की और 2035 तक इसे पूरा करने की है।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में अंतरिक्ष एजेंसी से 2025 तक चंद्रमा पर इंसान को पहुंचाने और 2035 तक भारतीय स्पेस स्टेशन स्थापित करने के लक्ष्य पर काम करने के लिए कहा था।
नासा देगी भारतीय अंतरिक्षयात्री को प्रशिक्षण
वहीं अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेलसन ने भी कहा है कि नासा साल 2024 के अंत तक एक भारतीय अंतरिक्षयात्री को प्रशिक्षण देने में सहायता करेगी। बता दें कि नेलसन इस समय भारत दौरे पर हैं। उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक लीडर और भविष्य का अहम भागीदार बताया है।