ISRO CROPS Experiment: हाल ही में भारत का SPADEX मिशन सफल हो गया है। वहीं अब इसरो ने एक नए मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है। इस मिशन को इसरो ने CROPS एक्सपेरिमेंट नाम दिया है। इसरो के अनुसार इस मिशन की कामयाबी कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि साबित होगी। तो आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में विस्तार से…
ISRO ने स्पेस में क्या उगाया?
4 जनवरी 2025 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)ने स्पेस में लोबिया के बीज उगाए हैं। इसरो का कहना है कि इस मिशन की सफलता मील का पत्थर है। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) द्वारा विकसित CROPS एक्सपेरिमेंट सफल हो गया है।
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मिशन का मकसद क्या?
CROPS एक्सपेरिमेंट के तहत अंतरिक्ष में लोबिया के बीज उगाए गए थे। वहीं मजह 4 दिनों के भीतर यह बीज अंकुरित होने लगे। इस एक्सपेरिमेंट के तहत वैज्ञानिक जानना चाहते थे कि कम गुरुत्वाकर्षण (Gravity) में कैसे पनपते हैं। भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह एक्पेरिमेंट काफी मायने रखता है।
Life sprouts in space! 🌱 VSSC’s CROPS (Compact Research Module for Orbital Plant Studies) experiment onboard PSLV-C60 POEM-4 successfully sprouted cowpea seeds in 4 days. Leaves expected soon. #ISRO #BiologyInSpace pic.twitter.com/QG7LU7LcRR
— ISRO (@isro) January 4, 2025
POEM प्लेटफॉर्म
इसरो ने इस तरह के एक्सपेरिमेंट्स करने के लिए POEM (PS4- Orbital Experiment Module) बनाया है। यह एक स्थिर प्लेटफॉर्म की तरह काम करता है। POEM सौर पैनल्स, Li-Ion बैटरी और नैविगेशन सिस्टम से लैस है। इससे स्पेस मिशन के दौरान वैज्ञानिकों को एक्सपेरिमेंट से जुड़ी सटीक जानकारी मिलती है।
अंतरिक्ष यात्रियों की मुश्किल होगी कम
अंतरिक्ष में फसलों से जुड़ी रीसर्च भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। कम गुरुत्वाकर्षण में पौधे कैसे पनपते हैं? इस सवाल का जवाब मिलने के बाद अतंरिक्ष यात्रियों को स्थायी खाद्य स्रोत मिलेगा। आमतौर पर अंतरिक्ष में जाते हुए अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ढेर सारा राशन लेकर जाते हैं। ऐसे में अगर यह मिशन सफल होता है तो अंतरिक्ष यात्रियों को वहां रहते हुए खाने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
क्या होगा फायदा?
अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल होगा तो अन्य ग्रहों पर भी जीवन संभव करने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिक लगातार उन ग्रहों की खोज में जुटे हैं, जहां जीवन संभव हो सकता है। ऐसे में अगर वैज्ञानिकों के पास अंतरिक्ष में फसल उगाने की तकनीक होगी तो उस ग्रह पर इंसानों के रहने की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है।
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