Indian railway rules for passenger: सभी ने ट्रेन में कभी न कभी सफर किया होगा। ट्रेन में सफर करते हुए हमें छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। रेलवे के कई ऐसे नियम हैं अगर हम इनका अनजाने में भी पालन न करें तो हम पर 1000 रुपये तक का जुर्माना या इन तोड़ने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। आइए एक-एक कर इनके बारे में जानते हैं।
तेज आवाज में संगीत नहीं सुन सकते
चलती ट्रेन में लोग टाइम पास करने के लिए मोबाइल पर अपना समय व्यतीत करते हैं। लेकिन वह तेज आवाज में गाने सुनने या मोबाइल नहीं चला सकते। शिकायत करने पर उन पर दूसरों की शांति भंग करने के लिए कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा रात 10 बजे बाद यात्री केबिन में केवल जरूरत के लिए लाइट जलाई जा सकती है। पर्याप्त रोशनी होने पर अतिरिक्त लाइट जलाना मना है।
रात 10 बजे बाद शोर नहीं
समूह में सफर करने वाले लोगों पर रात 10 बजे बात शोर मचाने या तेज आवाज में बात करने पर पाबंदी है। वह ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते जिससे आसपास अन्य यात्रियों की नींद में दखल पड़े। इसके अलावा ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो TTE ट्रेन शुरू होने के बाद टिकट चेक करेगा। रात 10 बजे बाद TTE पर बिना वजह किसी को उठाकर टिकट चेक करने पर मनाही है।
शराब, सिगरेट नहीं, रात 10 बजे बाद खाना
ट्रेन में सफर करते हुए शराब, सिगरेट पीना या किसी प्रकार का नशा करना अपराध है। इसके अलावा रेलवे रात 10 बजे बाद ऑनलाइन भोजन नहीं देता है। लेकिन आप ई कैटरिंग सेवा पर रात में खाना प्री ऑर्डर जरूर कर सकते हैं।
ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जा सकते
रेलवे अधिकारियों के अनुसार ट्रेन में किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ जैसे घी, तेल, ऐसा केमिकल जिससे आग लगने का खतरा या उसके टपकने या रिसने का खतरा हो अपने साथ ले जाना निषेध है। ट्रेन के यात्री डिब्बे में आप मिट्टी का तेल, एलपीजी सिलेंडर नहीं ले जा सकते।
हाल ही में यह हुआ है
महाबोधि एक्सप्रेस गया से दिल्ली जा रही थी। इस दौरान एक यात्री ने मोबाइल और लैपटॉप चार्जर करने वाले सॉकेट में इलेक्ट्रिक केतली लगा दी और पानी गर्म करने लगा। इस बात का पता लगने पर ट्रेन में तैनात आरपीएफ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और उसे ऐसा करने से रोका और उस पर जुर्माना लगाया। यह घटना 12 जनवरी की है। मोबाइल सॉकेट में इलेक्ट्रिक केतली नहीं लगा सकते इसमें कम पावर होती है।
यह है नियम
रेलवे अधिकारी के मुताबिक आरपीएफ रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत उक्त आरोप पर कार्रवाई करती है। इसमें 1000 रुपये तक का जुर्माना या 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर दोनों सजा भी दी जा सकती हैं।