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अब आइजोल तक रेलवे विस्तार, पूर्वोत्तर में सुरक्षा को कैसे मजबूती देगी नई रेलवे लाइन?

Mizoram Railway: देश में दिन-ब-दिन विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। देश-दुनिया से जुड़ने के लिए कहीं पर एयरपोर्ट बन रहे हैं, तो कहीं पर रेलवे पुल का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में आइजोल में सालों बाद रेल की सुविधा पहुंची है, जिससे विकास को तेजी मिलने वाली है। पढ़िए आइजोल से पल्लवी झा की रिपोर्ट...

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 14, 2025 10:08
Indian Railway Mizoram aizawl
आइजोल तक पहुंची रेलवे लाइन

Mizoram Railway: हेवेन ऑफ नॉर्थईस्ट यानी मिजोरम, जिसके नाम एक और बड़ी सफलता जुड़ गई है। भारत में जहां हर तरफ लोग ट्रेन से सफर कर रहे हैं, वहीं आइजोल में अभी तक रेल नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन अब आजादी के 75 से ज्यादा साल के बाद मिजोरम की राजधानी आइजोल तक ट्रेन पहुंच गई है। यह कदम राज्य के लिए कई तरह से खास है। एक तरफ कनेक्टिविटी मजबूत होगी, तो दूसरी तरफ पूरे राज्य का विकास होगा। जानिए इसका रूट क्या है होगा और इसके शुरू होने से राज्य में क्या बदलाव आएंगे?

ये भारत के दिलों से जोड़ने वाला- अश्विनी वैष्णव

इसके बनने से एक नहीं कई राज्य एक साथ जुड़ सकेंगे। नॉर्थ ईस्ट रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) के.के. शर्मा इस पर कहते हैं कि ‘इस ट्रैक के शुरू होने से त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और अब मिजोरम इन चार राज्यों की राजधानियां देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं।’ दूसरी तरफ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट को ‘भारत के दिलों से जोड़ने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि ‘यह बहुत जल्द ही आम यात्रियों के लिए भी शुरू हो जाएगा।’ बता दें कि अभी प्रोजेक्ट पूरा हुआ है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।

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सुरक्षा के लिहाज से कितना जरूरी?

आइजोल से म्यांमार बॉर्डर की सुरक्षा के लिहाज से भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस ट्रैक से सुरक्षा बलों को बॉर्डर के क्षेत्रों तक पहुंचने में आसानी होगी। इससे किसी भी आपात स्थिति में सही समय पर मदद मिल सकेगी। पूर्वोत्तर में कुछ ऐसे संगठन हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बने रहे हैं। इससे उन पर भी नजर रखी जा सकेगी। दरअसल, रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां इसके लिए मिलकर काम कर सकती हैं।

हाई सिक्योरिटी से होगी पैनी नजर

इसके अलावा, मिजोरम के आसपास के क्षेत्रों में ड्रग्स, हथियार और मानव तस्करी पर भी कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकेगी। इसके लिए रेलवे लाइन को हाई-अलर्ट जोन में रखा जा सकता है। यहां पर ज्यादा सिक्योरिटी करके निगरानी बढ़ाई जाएगी। ड्रोन और CCTV के जरिए भी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। इस पर सफर करने वाले यात्री पूरी तरह से सेफ रहेंगे, क्योंकि यहां रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के अलावा भी सुरक्षा एजेंसियां नजर रखेंगी।

बता दें कि इस प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने रखी थी, जिसमें 5,022 करोड़ रुपयों की लागत लगी है। इसमें बने स्टेशन भविष्य में मिजोरम के विकास में मदद करेंगे।

First published on: Jul 14, 2025 10:08 AM

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