भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दावा किया है कि इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। जून से सितंबर तक अच्छी बारिश होगी, विभाग के अनुसार इस बार सामान्य से 105 फीसदी बारिश होने की संभावना है, जो किसानों और खेती के लिए अच्छा संकेत है। IMD के अनुसार 2025 में 105 फीसदी यानी 87 सेंटीमीटर बारिश की संभावना है। मानसून का सीजन 4 महीने रहता है, इसके लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है। इसका अर्थ है कि पूरे सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए।
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सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जिन राज्यों में लगाया गया है, उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना शामिल हैं। सामान्य से कम बारिश का अनुमान जिन राज्यों में लगाया गया है, उनमें जम्मू-कश्मीर, बिहार, तमिलनाडु, लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। आमतौर पर मानसून की एंट्री 1 जून के आसपास केरल से होती है। आमतौर पर 15-25 जून के बीच मानसून आ जाता है। 4 महीने के सीजन के बाद मानसून सितंबर के लास्ट में राजस्थान के रास्ते वापस जाता है।
This year southwest #monsoon seasonal rainfall from June to September month is likely to be above normal: Director General of IMD Dr Mrutyunjay Mohapatra pic.twitter.com/ABv6stsXKU
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2 महीने तक चलेगी लू
विभाग के अनुसार मई और जून में लू का दौर जारी रहेगा। वहीं, अल नीनो की कोई आशंका नहीं है। फिलहाल गर्मी का दौर जारी रहेगा, जिससे बिजली और पानी की डिमांड में इजाफा होगा। भारत में 52 फीसदी कृषि क्षेत्र मानसून पर निर्भर है। ऐसे में किसानों के लिए यह राहत की खबर है। अल नीनो की वजह से समुद्र का तापमान 3-4 डिग्री बढ़ जाता है। इससे कम बारिश वाले इलाकों में अधिक और अधिक बारिश वाले इलाकों में ज्यादा बारिश होती है। भारत में अल नीनो के प्रभाव से मानसून कमजोर रहता है।
70 फीसदी बारिश मानसून के दौरान
भारत में जितनी बारिश होती है, उसकी 70 फीसदी मानसून के दौरान होती है। देश के 70-80 फीसदी किसान बारिश के लिए मानसून पर निर्भर है। कम-ज्यादा बारिश का प्रभाव पैदावार पर होता है। अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। आधी आबादी कृषि क्षेत्र में रोजगार करती है। अच्छी बारिश का मतलब अच्छी आमदनी है। 2020 से 2024 की बात करें तो स्काईमेट का अनुमान एक बार सही साबित हुआ है।
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2024 में आईएमडी ने 106 और स्काईमेट ने 102 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन बारिश 108 फीसदी हुई। 2023 में स्काईमेट ने 94 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था और बारिश भी इतनी हुई। IMD ने 96 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था। 2021 में IMD ने 98 फीसदी बारिश का अनुमान लगाया, लेकिन बारिश 99 फीसदी हुई।