देश में जिला अस्पतालों में कैंसर डेकेयर सेंटर स्थापित करने को लेकर एक रिपोर्ट पेश की गई। सरकार की इस पहल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है। जिसमें कीमोथेरेपी, परामर्श सेवाएं और दवाओं को लेकर एक खास प्लान बनाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की इस रिपोर्ट में कहा गया कि इस पहल से कैंसर का उपचार मरीजों को उनके घर के नजदीक ही दिया जाएगा। आने वाले सालों में सरकार के इस कदम से मेडिकल के क्षेत्र में क्रांति देखने को मिल सकती है। जानिए इन केंद्रों में क्या कुछ होगा?
कब तक बनेंगे केंद्र?
इन केंद्रों में कीमोथेरेपी और परामर्श सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, एक केंद्र में 4 से 6 बिस्तर, ओन्कोलॉजिस्ट या एक चिकित्सा अधिकारी, दो नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक कंसल्टेंट और एक बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता (Multi Purpose Worker) होना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इसका ऐलान किया। इन केंद्रों को अगले तीन सालों में बनाया जाएगा। एक साल में कम से कम 200 केंद्र बना लिए जाएंगे। बाकी के केद्रों को तय समय पर स्थापित किया जदएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कैंसर का उपचार मरीजों के घरों के नजदीक ही आसानी से मिल जाएगा।
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अलग से भर्ती की सिफारिश
संसदीय पैनल ने अलग भर्ती की सिफारिश भी की है। पैनल की रिपोर्ट में कहा गया कि समिति यह भी चाहती है कि केंद्रों के सुचारू रूप से संचालन के लिए जिला अस्पतालों से डॉक्टर और नर्स देने के बजाय, अलग से इनकी भर्ती की जाए, क्योंकि जिला अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है।
कैंसर के बढ़ रहे मामले
ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 14 लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिसमें से 9 लाख लोगों की मौत हो जाती है। पुरुषों में सबसे आम कैंसर होंठ और मुंह (15.6%) और फेफड़ों (8.5%) के कैंसर के मामले सामने आते हैं। वहीं, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा (26.6%) मामले सामने आते हैं।
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