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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा, सीमा पर होगा बड़ा युद्ध अभ्यास

Indian Air Force: अपने दुश्मन से लोहा लेने के लिए भारतीय सेना हर तरफ से मजबूत बन रही है. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना के द्वारा एक बड़ा युद्ध अभ्यास चीन-भूटान-म्यांमार-बांग्लादेश के बॉर्डर पर किया जाएगा. इस अभ्यास का मुख्य मकसद ईस्टर्न राज्यों में इमरजेंसी के वक्त दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना पूरी तरह से तैयार है.

Author Written By: Pawan Mishra Author Published By : Shabnaz Updated: Nov 3, 2025 14:46
Indian Air force
Photo Credit- News24GFX

Indian Air Force: जब ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई थी तब भारतीय वायुसेना के आगे पाकिस्तान पूरी तरह से पस्त हो गया था. पाकिस्तान के 9 आंतकी ठिकानों को तबाह करने के बाद रक्षा मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ आगे भी जारी रहेगा. इसी को देखते हुए इस बार देश के नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में वायुवीर अपनी ताकत को दिखाने के लिए तैयार है. न्यूज 24 को मिली जानकारी के मुताबिक, यह बड़ा युद्ध अभ्यास चीन-भूटान-म्यांमार-बांग्लादेश के बॉर्डर पर किया जाएगा. इससे मित्र देशों के साथ दुश्मन देश भी भारतीय वायुसेना की ताकत को देखेंगे.

कब-कब होगा युद्ध अभ्यास?

इस युद्ध अभ्यास के लिए रक्षा मंत्रालय ने नोटम जारी कर दिया है. हालांकि, यह युद्ध अभ्यास अलग-अलग दिनों में आयोजित किया जाएगा. यानी 6 नवंबर 2025 से लेकर 15 जनवरी 2026 के बीच ये आयोजित किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, वॉर एक्सरसाइज की शुरुआत सबसे पहले नागालैंड से होगी. उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और असम के साथ ही पूरे ईस्टर्न इलाकों में की जाएगी. भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर जयदीप सिंह ने न्यूज 24 को जानकारी देते हुए कहा कि इस बड़ी एक्सरसाइज में वायुसेना अपनी पूरी ताकत लगाने वाली है.

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अभ्यास के लिए क्यों चुनी गई ये जगह?

इसमें फाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और ड्रोन को विशेष तौर पर शामिल किया गया है. दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान की तरफ से लगातार ड्रोन से हमला किया गया था और भारतीय वायुवीरों ने उसके सभी हमलों का चौतरफा जवाब दिया था. यानी ड्रोन की ताकत को भी भारतीय वायुसेना दिखाएगी. जब न्यूज 24 ने विंग कमांडर जयदीप से यह सवाल किया कि आखिर क्या वजह है कि देश को पूर्वोत्तर राज्यों को ही इस युद्ध अभ्यास के लिए चुना गया है? इस पर उन्होंने बताया कि ‘यह वॉर एक्सरसाइज नीति और रणनीति के लिए इस इलाके से बेहतर देश में और कोई दूसरा स्थान नहीं हो सकता है. यहां पहाड़ी इलाका भी है और मैदानी इलाका भी है. इसके साथ ही मौसम में लगातार बदलाव भी देखा जाता है.

जब मौसम बदलता है, यानी आसमान जब साफ नहीं रहेगा, तो उस वक्त कैसे हमारे फाइटर प्लेन इमरजेंसी के वक्त दुश्मन पर अटैक करेंगे. उसकी भी यहां पर प्रैक्टिस हो जाएगी. आपको बता दें कि यह इलाका साल 2020 और साल 2022 में बेहद चर्चा में उस वक्त आया था जब चीन की तरफ से अटैक करने की कोशिश की गई थी. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में डोकलाम और चिकन नेक का भी इलाका है, जो चीन, भूटान और म्यामांर की सीमा पर है. ये हमेशा विवादों से भी घिरा रहता है. इस अभ्यास का मुख्य मकसद ईस्टर्न राज्यों में इमरजेंसी के वक्त दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना पूरी तरह से तैयार है.

ये भी पढ़ें: ‘ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान हारा या जीता? आर्मी चीफ ने असीम मुनीर के नाम पर दुश्मन को दिखा दिया आईना

First published on: Nov 03, 2025 02:46 PM

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