Indian Airforce: इंडियन एयरफोर्स का नॉर्थ ईस्ट में हवाई अभ्यास का आज दूसरा दिन है। विमानों की लड़ाकू तैयारी की जांच करने के उद्देश्य से भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को पूर्वोत्तर में दो दिवसीय समेकित प्रशिक्षण अभ्यास शुरू किया था।
यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमना-सामना हुआ था, जिसके बाद कई मौकों पर चीन ने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का प्रयास किया था।
FEET DRY!
'The Pack is Complete'
---विज्ञापन---The last of the 36 IAF Rafales landed in India after a quick enroute sip from a UAE Air Force tanker.
Shukran jazeelan. @modgovae pic.twitter.com/5rkMikXQeS
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 15, 2022
सूत्रों ने कहा, “भारतीय वायु सेना इस सप्ताह पूर्वी क्षेत्र में एक समेकित प्रशिक्षण अभ्यास करने वाली है, जहां विमानों की तैयारी की जांच की जाएगी। प्रशिक्षण अभ्यास की योजना बहुत पहले ही बना ली गई है।”
9 दिसंबर को आमने-सामने आए थे भारतीय-चीनी सैनिक
बता दें कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी और भारतीय सैनिक आमने-सामने आ गए थे। सूत्रों के अनुसार, चीनी सैनिकों ने एलएसी पार की थी जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से उनका मुकाबला किया था जिसके बाद चीनी सैनिक पीछे हटे थे।
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं और दोनों पक्ष तुरंत पीछे हट गए। पूर्वी लद्दाख में झड़पों के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लंबे समय में पहली बार इस तरह की झड़प की सूचना मिली है।
जून 2020 में गलवान घाटी में भी हुई थी झड़प
जून 2020 में गलवान घाटी में इन झड़पों में सबसे भयानक झड़प हुई थी। उस दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए या घायल हो गए थे।
सैन्य कमांडरों के बीच कई बैठकों के बाद, भारतीय और चीनी सैनिक लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स सहित प्रमुख बिंदुओं से पीछे हट गए थे।